प्रदेश के पांच बड़े प्रमुख शहरों में यातायात व सड़क सुरक्षा की कार्ययोजना बनाई जायेगी
वाहनों पर प्रदूषण जांच के लिए स्टिकर लगाया जाना जरूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में नियमों का सख्ती से पालन किया जाये। प्रदेश के पांच बड़े प्रमुख शहरों में यातायात व्यवस्था और सड़क सुरक्षा के लिए कार्ययोजना बनाने का भी निर्णय लिया गया है। वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण की अनवरत जांच के साथ ही ओवर लोडिंग वाहनों की जांच के लिए मुख्यालय स्तर पर जांच दल गठन करने का निर्णय लिया गया है। लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति ना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। प्रदूषण की जांच के लिए वाहनों पर स्टिकर लगाया जाना जरूरी होगा।
प्रदेश के परिवहन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने आज यहां परिवहन आयुक्त कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए वाहनों की ओवर लोडिंग पर सख्त कार्यवाही की जाये तथा आवश्यकतानुसार ओवर लोडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध एफ.आई.आर. (प्रथम सूचना रिपोर्ट) भी दर्ज कराई जाये। उन्होंने कहा कि जांच दलों को जिन क्षेत्रों में ओवर लोडिंग के ज्यादा वाहन मिलेंगे वहां के उप परिवहन आयुक्त, संभागीय परिवहन अधिकारी व ए.आर.टी.ओ के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने उप परिवहन आयुक्त को निर्देश दिये कि वे दूसरे जनपदों की टीम बनाकर ओवर लोडिंग रोकने के लिए अनवरत छापेमारी जारी रखे। उन्होंने वाहनों के द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के भी निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि परिवहन विभाग से लाइसेंस लेकर संचालित प्रदूषण जांच केन्द्रों पर आवश्क जरूरी उपकरण उपलब्ध है। उन्होंने आगरा, कानपुर व लखनऊ सहित सभी जनपदों में वाहनों के प्रदूषण की निरंतर जांच करने तथा प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के विरूद्ध अधिनियम के अंतर्गत सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
श्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए नियमों का सख्ती से पालन किया जाये जिससे प्रदेश में मृत्यु दर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि रात्रि में विशेषकर ट्रैक्टर, ट्राली सहित अन्य भारी वहानों पर रेफलेक्टर लगवाने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में चीनी मिलें है, वहां के अधिकारी चीनी मिलों से समन्वय स्थापित कर वहां चलने वाले वाहनों में रेफलेक्टर लगाने के बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि रेफलेक्टर के बिना किसी भी वाहन का पंजीकरण के साथ ही फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी न किया जाये। उन्होंने कानपुर व आगरा में मीटर-आॅटो लगाये जाने के कार्य को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित कर उन्हें भारत-3 व यूरो-4 युक्त वाहनों को खरीदने के लिए प्रेरित करें जिससे वाहनों के पंजीकरण की समस्या उत्पन्न न हो पाये।
परिवहन मंत्री ने सभी परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में नियमों का सख्ती से पालन करें। उन्हांेने कहा कि लाइसेंस जारी करने के लिए आवश्यकतानुसार परीक्षा व सप्ताह में दो दिन ड्राइविंग टेस्ट आयोजित किया जाये। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाये जाने व प्रेशर हाॅर्न पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि हेलमेट न लगाने वालों के विरूद्ध चालान के साथ ही लाइसेंस को पंचिंग कराया जाये। सड़क सुरक्षा के नियमों से आम आदमी को जागरूक करने के लिए भी समय-समय पर ऐसे अभियान चलाये जायें जिससे आम आदमी की सोच में बदलाव आ सके।
राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने राजस्व प्राप्ति में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियांे को चेतावनी देते हुए एक माह का समय दिया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम देने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी कार्यसंस्कृति में बदलाव लाकर विभाग की छवि को बदलने का कार्य करें। उन्होंने जे.एन.एन.यू.आर.एम की बसों को घाटे से उबारने की दिशा में भी प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्हांेने अधिक सवारी बैठाने वाले वाहनों पर अंकुश लगाने के साथ ही उनके विरूद्ध नियमों के अंतर्गत प्रभावी कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव, परिवहन श्री बी.एस.भुल्लर, परिवहन आयुक्त श्री अलोक कुमार, शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी उप परिवहन आयुक्त व संभागीय परिहवन अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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