- वर्तमान वित्तीय वर्ष में आगामी 28 फरवरी तक धान क्रय का 25 लाख मी0टन कार्यकारी लक्ष्य निर्धारित: आलोक रंजन
- धान क्रय केन्द्रों पर किसानों से सीधे क्रय कर उनकी उपज के मूल्य का भुगतान क्रय एजेन्सियों द्वारा एकाउन्ट पेयी चेक के माध्यम से कराना सुनिश्चित हो: मुख्य सचिव
- धान क्रय केन्द्रों के निरीक्षण हेतु शासन में तैनात विशेष सचिव के अधिकारियों को भी जनपदवार नामित करें: आलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में धान क्रय हेतु निर्धारित 25 लाख मी0टन कार्यकारी लक्ष्य के अनुसार आगामी 28 फरवरी तक धान की खरीद किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की अपेक्षा 232 अधिक धान क्रय केन्द्रों अर्थात कुल 3250 धान क्रय केन्द्रों द्वारा सम्बन्धित 09 क्रय एजेन्सियों द्वारा सीधे किसानों से धान खरीदा जायेगा। धान खरीद केन्द्रों पर किसानों से सीधे क्रय कर उनकी उपज के मूल्य का भुगतान क्रय एजेन्सियों द्वारा एकाउन्ट पेयी चेक के माध्यम से कराना सुनिश्चित किया जायेगा। धान खरीद हेतु जनपदवार जिला खरीद अधिकारियों की नियुक्ति सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा तत्काल कर दी जाए तथा आयुक्त, खाद्य एवं रसद मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर जनपदवार नियंत्रण का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए।
मुख्य सचिव ने आज सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में धान खरीद की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान क्रय केन्द्रों के निरीक्षण हेतु शासन में तैनात विशेष सचिव के अधिकारियों को भी जनपदवार नामित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि स्टाफ की कमी हो तो अवकाश प्राप्त बगैर दागी कर्मचारियों को कार्मिक विभाग से परामर्श प्राप्त कर धान खरीद अवधि तक के लिए नियुक्त करने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को धान के विक्रय का वास्तविक मूल्य प्रत्येक दशा में मिलना सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसानों का किसी भी स्तर पर शोषण किया गया तो सम्बन्धित कर्मियों को चिन्हित कर सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए।
श्री रंजन ने निदेशक मण्डी परिषद को निर्देश दिए कि धान क्रय केन्द्रों पर धान क्रय से सम्बन्धित आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराने के साथ-साथ किसानों की सुख-सुविधा की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्रों पर दो काटों की व्यवस्था अवश्य रूप से सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने धान खरीद से सम्बन्धित प्रचार-प्रसार सामग्री-बैनर आदि मण्डी परिषद द्वारा तत्काल उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने एस0डब्ल्यू0सी0, सी0डब्ल्यू0सी0 एवं भारतीय खाद्य निगम को चावल के भण्डारण हेतु आवश्यक बल्ली एवं डनेज मैटेरियल की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्र पर 05 गांठ बोरा आपातकालीन व्यवस्था के अन्तर्गत बफर के रूप में रखा जाए, ताकि किसी भी स्तर पर बोरों की समस्या कतई न होने पाए। उन्हांेने कहा कि विगत रबी खरीद के अवशेष जूट गांठ बोरे एवं पी0पी0 बैग्स को धान खरीद में प्रयोग करने हेतु भारत सरकार को भेजे गये प्रस्ताव के क्रम में स्मरण पत्र पुनः भेज दिया जाए। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपदवार भण्डारण योजना तैयार कर आगामी 20 अक्टूबर तक अवश्य उपलब्ध करा दी जाए।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री दीपक त्रिवेदी ने बैठक में बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत 3250 धान क्रय केन्द्रों में से खाद्य विभाग 700 क्रय केन्द्र, प्रादेशिक सहकारी संघ 1500 क्रय केन्द्र, यू0पी0 एग्रो 225 क्रय केन्द्र, उपभोक्ता सहकारी संघ 350 क्रय केन्द्र, आवश्यक वस्तु निगम 150 क्रय केन्द्र, नेफेड 85 क्रय केन्द्र, कर्मचारी कल्याण निगम 150 क्रय केन्द्रों, एन0सी0सी0एफ0 40 क्रय केन्द्रों तथा भारतीय खाद्य निगम 50 क्रय केन्द्रों द्वारा किसानांे से सीधे धान की खरीद सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि किसानों को धान विक्रय का तत्काल भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित क्रय एजेन्सियों को 150 करोड़ रूपये की अग्रिम धनराशि स्वीकृति हेतु वित्त विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
बैठक में आयुक्त खाद्य एवं रसद श्रीमती अर्चना अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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