लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग दोनों के ही कार्यक्रम एक साथ चल रहे हैं। धरती का पानी किस स्थिति में है, उसकी शुद्धता को कैसे अक्षुण्ण बनाये रखा जाय, जो कमियां हैं उन्हें कैसे दूर किया जाय और कहां तक कैसी बोरिंग कराई जाय। इन सब बातों के लिये यह जरूरी है कि भूगर्भ जल विभाग के अभियन्ताओं के साथ मिलकर ही बोरिंग की योजनायें बनाई जायें। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के जो 108 विकास खण्ड अतिदोहित और क्रिटकल घोषित किये गये हैं उनका पुनः सर्वेक्षण करा लिया जाय ताकि यह पता चल सके कि वर्तमान में भूजल स्तर की स्थिति क्या है।
यह उद्गार लघु सिंचाई एवं पशुधन मंत्री श्री पारस नाथ यादव ने आज यहां बापू भवन में लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग की समीक्षा बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि लघु सिंचाई की योजनाएं मूल रूप से लघु एवं सीमान्त किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं हैं इसलिए उनका कार्यान्वयन भी परिणामपरक होना चाहिए। स्थानीय कृषकों एवं वहां की भूगर्भ जल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही निःशुल्क बोरिंग, निशुल्क बोरिंग पर पम्पसेट की स्थापना, गहरी बोरिंग, मध्यम गहरी बोरिंग (जिला योजना) आदि का कार्य प्रारम्भ करवाया जाय।
श्री यादव ने बैठक में जिला योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग/चेकडैम, सतही पम्पसेट, ब्लास्टवेल, सामुदायिक ब्लास्ट कूपों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार, बुन्देलखण्ड पैकेज, द्वितीय हरित क्रांति की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल की समस्या केवल प्रदेश ही नहीं पूरे देश की समस्या है। यही कारण है कि यह विभाग मुख्यमंत्री की शीर्षस्थ प्राथमिकता वाला विभाग है। इसी के दृष्टिगत विभाग ़को 2000 करोड़ रुपये की योजनाओं के प्रस्ताव दिये गये हैं।
श्री यादव ने कहा कि सभी विकास खण्डों की डाटा कलेक्शन में तेजी लाई जाये तथा डाटा बिल्कुल सही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश से डाटा एक साथ एकत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अप्रशिक्षित लोग बोरिंग कर रहे हैं। उन्हें भूगर्भ जल की स्थिति एवं जमीन के संबंध में सही जानकारी नहीं होती है। इसलिए सघन सर्वे कराकर अति दोहित विकास खण्डों की रिपोर्ट देखें कि किस आधार पर उन्हें अति दोहित घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि कार्य के महत्व को समझते हुए पूरी निष्ठा एवं पारदर्शिता के साथ बोरिंग की योजनाओं को कार्यान्वित करें। बैठक में प्रमुख सचिव, लघु सिचाई श्री संजीव दुबे, विशेष सचिव श्री एस0के0द्विवेदी, मुख्य अभियन्ता एवं सभी विभागीय अधीक्षक एवं अधिशासी अभियन्ता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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