गंगा समग्र यात्रा पर निकली उमाभारती ने आज उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते हुए कहा कि हमारे जल, जंगल और जमीन का आजादी के बाद ज्यादा दोहन हुआ है. पिछले २२ वर्षों से चल रहे उदारीकरण में तो इनकी और दुर्दशा हुई है. २१ सितम्बर को गंगासागर से शुरू हुई यात्रा झारखण्ड और बिहार होते हुए आज उत्तर प्रदेश में प्रवेश की. बक्सर के रास्ते बिहार की सीमा से गंगा को पार कर यात्रा बलिया के उजियारघाट के रास्ते भरौली पहुँची. जहाँ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में जबरदस्त स्वागत हुआ. साध्वी उमाभारती ने यहाँ स्वामी सहजानंद की प्रतीमा पर माल्यार्पण कर एक सभा को संबोधित किया.
सभा को सबोधित करते हुए साध्वी उमा भारती ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण का सबसे ज्यादा नुकसान हमारी धरती और जल को हुआ है। सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) बढाने के चक्कर में हम अपने अधिष्ठान (जल. जगल, जमीन) को नष्ट कर विकास की अंधी दौड़ में शामिल हो गए हैं. जल, जंगल, जमीन की बात करने वालों को पिछड़ा कहा जाता है. एफडीआई की चर्चा करते हुए उमाश्री ने कहा कि सरकार कह रही है कि एफडीआई से रोजगार मिलेगा, लेकिन मैं आपको यह बता रही हूँ कि एफडीआई से ७ करोड़ लोगो का रोजगार छीनेगा और २० करोड़ लोग प्रभावित होंगे. सरकार को अगर लोगों के रोजगार की चिंता है तो वह गंगा के लिए कानून बनाये ५० करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा.
उमाश्री ने कहा कि मंगल पाण्डेय और चित्तू पाण्डेय की धरती पर हमें आज यह संकल्प लेना होगा कि जैसी गंगा गोमुख में है वैसी ही गंगासागर में दिखे इसके लिए सतत् संघर्ष करेंगे. स्वागत करने वालों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, प्रदेश यात्रा प्रभारी शिव प्रताप शुक्ल, संयोजक विंध्यवासिनी कुमार, विधायक उपेन्द्र तिवारी, विधान परिषद सदस्य केदार सिंह सहित हजारों लोग शामिल हुये।.
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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