प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों में डाॅल्फिन की संख्या 671
‘मेरी गंगा, मेरी डाॅल्फिन’ अभियान का समापन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण और नदियों को बचाने की दिशा में कार्य करना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नदियों को बचाने के लिए गम्भीरता से प्रयास किये जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर आयोजित ‘मेरी गंगा, मेरी डाॅल्फिन’ अभियान के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डाॅल्फिन गणना-2012 की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों में डाॅल्फिन की संख्या बढ़कर 671 हो गई है।
ज्ञातव्य है कि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया ने प्रदेश के वन विभाग के साथ मिलकर, एच0एस0बी0सी0 के सहयोग से गंगा और उसकी सहायक यमुना, सोन, केन, बेतवा, घाघरा और गेरुआ नदियों में डाॅल्फिन की संख्या का सर्वेक्षण करने के लिए 05 अक्टूबर से 07 अक्टूबर, 2012 तक एक अभियान संचालित किया था। गंगा नदी की डाॅल्फिन एक शीर्ष स्तरीय जल जीव है, जो एक तरफ मछली एवं अन्य छोटी प्रजातियों के जीवों की आबादी को नियंत्रित करती है, वहीं दूसरी तरफ नदी की पारिस्थितिकी को संतुलित रखने में भी मददगार साबित होती है। गंगा एवं इसकी सहायक नदियों में डाॅल्फिन की मौजूदगी जहां एक ओर नदी के स्वस्थ होने का संकेत है, वहीं दूसरी ओर डाॅल्फिन की संख्या में कमी एक गम्भीर चिन्ता का विषय है।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के अभियानों को प्रोत्साहित किये जाने पर बल देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार हर तरह का सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता लाने हेतु ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि किसान जैव उर्वरकों को अपनाएं, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री अखिलेश कुमार, श्री चन्द्रभान सिंह तथा श्री बृजेन्द्र सिंह को ‘डाॅल्फिन एम्बेसेडर’ का सम्मान भी प्रदान किया।
प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) श्री रूपक डे ने इस अवसर पर ‘मेरी गंगा, मेरी डाॅल्फिन’ अभियान की पृष्ठभूमि पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वन विभाग के 20 प्रभागों केे अधिकारियों व कर्मचारियों एवं 18 स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस तीन दिवसीय अभियान को संचालित करने में सहयोग प्रदान किया।
एच0एस0बी0सी0 की प्रमुख श्रीमती नैना लाल किदवई ने अपने सम्बोधन में जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और गिरते भू-जल स्तर पर चिन्ता व्यक्त की। कार्यक्रम में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया के सी0ई0ओ0 श्री रवि सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रमुख वन संरक्षक श्री जे0एस0 अस्थाना ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर राज्य मंत्री जन्तु उद्यान श्री शिव प्रताप यादव, उपाध्यक्ष राज्य योजना आयोग श्री एन0सी0 बाजपेई, सचिव वन श्री आर0के0 सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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