खुदरा व्यापार मे केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई एफ.डी.आई. के विरोध में भाजपा किसान मोर्चा द्वारा विधान सभा के सामने धरना स्थल पर प्रदेश भर से आए किसानों व किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि किसान हितैषी सरकार का दम भरने वाली प्रदेश की सपा सरकार आज तक कृषि मूल्य आयोग की घोषणा नही कर सकी। डा. बाजपेई ने कहा कि समाजवादी पार्टी की अपने घोषणापत्र मे किसानों को कृषि लागत का दोगुना मूल्य देने की घोषणा महज कोरी घोषणा है।सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिर्पोट तक लागू नही कर सकी जिसमें कृषि उत्पाद पर 50 फीसदी लाभ देने की बात कही गई है। डा. बाजपेई ने कहा कि सपा ने नए कोल्ड स्टोरेज खोलने, कोल्ड स्टोरेज पर सबसीड़ी दिए जाने, आलू व लहसुन का लाभकारी मूल्य, किसानों को दिए जाने का वायदा दिया था। लेकिन सब्सिडी मूल्य देने की बात तो दूर रही आज तक एक भी नए कोल्ड स्टोरेज का अनुमति पत्र सरकार द्वारा नही जारी किया गया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि खुदरा व्यापार में एफ.डी.आई. लागू कर किसानों के हित की बात करना कोरी कल्पना है। उन्होंने कहा कि 2 किलो आलू खरीद कर 200 किलो अंकल चिप्स बेचने वाली कम्पनी ने किस आलू किसानांे को आज तक लाभ दिया? भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार के मुखिया की दोहरी बात पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उ0प्र0 में एफ.डी.आई. के विरोध की बात करते है और दिल्ली मंे फिक्की आडीटोरियम के वातानुकूलित हाल में उद्योगपतियों के बीच वायदा करते है कि एफ.डी.आई. यदि किसानों के हित में हुई तो वह प्रदेश मे एफ.डी.आई. लागू करेगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार के ऐजेण्डे में किसान नही है तथा बेरोजगारी भत्ता व कन्याविद्याधन महज छलावा है। डा0 बाजपेई ने कहा कि सैफई में विद्याधन के लिए आयोजित कार्यक्रम का खर्च वितरित किए गये धन से कही अधिक है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र में सत्ता में आते ही भाजपा एफ.डी.आई. को तुरन्त वापस करेगी तथा किसानों को उनकी उपज लागत का दोगुना कृषि उत्पाद मूल्य देने की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने किसानों के लिए किसान क्रेडि़ट कार्ड, 7 प्रतिशत व्याज पर ऋण जैसे अनेक कार्यक्रम लागू किए थे व कर्नाटक व मध्यप्रदेश की भाजपा सरकारों ने किसानों के 0 प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आवाहन करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा किसान मोर्चा के नेतृत्व में केन्द्र व प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक बड़ा जनआन्दोलन चलाया जायेंग।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री व किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी सत्यपाल मलिक धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह 1974 में विधायक होकर लखनऊ आए थे तब से लेकर आज तक किसानों की हालात मे कोई परिवर्तन नही हो सका। उन्होंने कहा कि किसानों की हालात यह है कि वह अपना उत्पाद सस्ते में बेचता है व बाजार से मंहगे दामों में खरीदता है। श्री मलिक ने केन्द्र सरकार की नीतियों पर चुटीला व्यंग्य करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की सिचाई परियोजनाओं का सालाना बजट 1100 करोड़ व काॅमनवेल्थ गेम का बजट 17000 करोड़ था। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि सरकारें किसानों के हितों की हत्या कर देती है व किसान को पता भी नही चलता। श्री मलिक ने कहा कि आज भारतीय किसानों की उत्पादन क्षमता इसलिए कम है क्योकि उन्हें समय पर खाद, बीज, पानी कुछ भी नही मिल पाता ।
भाजपा महामंत्री पंकज सिंह ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार प्रदेश की सपा व बासपा के साथ मिल कर किसानों का गला घोटती है। श्री सिंह ने केन्द्र सरकार पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि 7780/- प्रति थाल के दर से अपने मंत्रियों व सहयोगी दल के नेताओं को भोजन कराने वाले प्रधानमंत्री व यूपीए अध्यक्ष सोनियां गाँधी भारत के आम लोगों को 26/- में सपरिवार भोजन करने की बात कहते है। श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार अपनी नाकामयाबी का बोझ देश व प्रदेश के किसानों पर डालना चाहते है। उन्होंने भाजपा शासन काल के किसान हितैषी नीतियों की चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं से जनता को जोड़ने का आवाहन किया ।
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील शाक्य ने धरने मे आये किसानो कार्यकर्ताओं व नेताओं का स्वागत करते हुए प्रदेश व केन्द्र की किसान विरोधी एफ.डी.आई. लागू किए जाने के र्निणय की कटु आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार ने किसानों से भूमि अधिग्रहण बिल पास कराने का वायदा 1.5 वर्ष पूर्व किया था जो आज तक लम्बित है । श्री शाक्य ने कहा कि इसी तरह पेस्टीसाइड बिल भी लम्बित है जब कि खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश लागू करने का र्निणय लागू भी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से किसान निरंतर गरीब होता जा रहा है किसानों की शान पगड़ी आज गिरवी है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में प्रतिबंधित जानलेवा पेस्टीसादड के भारत में उपयोग की अनुमति के लिए भारत सरकार दोषी है। उन्होंने कहा कि भारत में उत्पादित 25000 टन चावल अस्टेªलिया से इसलिए वापस कर दिया गया क्योंकि उसमें पेस्टीसाइड की मात्रा बहुत अधिक थी। श्री शाक्य ने कहा कि सरकार को इसकी चिन्ता नही बल्कि खुदर व्यापार में विदेशी कम्पनियो को छूट दिये जाने की जल्दबाजी थी। उन्होंने कहा कि आम आदमी का हित केवल भाजपा के हाथ में सुरक्षित है।
धरने में आये किसानों को भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष परशुराम कुशवाहा तथा मेरठ के विधायक रवीन्द्र भड़ाना के अतिरिक्त भाजपा किसान मोर्चा के अनेक पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया। धरने मे प्रमुख रूप से प्रदेश महामंत्री विन्ध्यवासिनी कुमार, महामंत्री संगठन राकेश जैन, मोर्चा के महामंत्री दिनेश दूबे, मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, किसान मोर्चा के प्रदेशमंत्री विवेक कुमार श्रीवास्तव, मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश सिंह, सुजीत सिंह टीका, भास्कर दत्त द्विवेदी, सत्यपाल यादव, उर्मिला तिवारी, अनुपमा जायसवाल, गोपाल जी श्रीवास्तव सहित अनेको नेतागण उपस्थित रहें।
धरने की समाप्ति के पश्चात प्रधानमंत्री को संबोधित कृषि के सर्मथन मूल्य पर बोनस फसलों के लाभकारी मूल्य के फार्मूलों को स्वीकार कियो जाने तथा मिश्रित खाद के दामांे की बढ़ोत्तरी वापस लिए जाने के सम्बन्ध में 60 बिन्दुओं का एक ज्ञापन राज्यपाल महोदय को सौंपा गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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