भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में जुटी राज्य सरकार जनहित की अनदेखी कर रही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ जैसी बुनियादी सुविधाएं आमजन को मोहैय्या नही हो पा रही है। आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही है। प्रदेश की जर्जर कानून व्यवस्था पर अधिकारी गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे है। लेकिन सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा पार्टी नेताओं की करगुजारियों को लेकर बार-बार दी जा रही नसीहतों को भी नजरअंदाज कर राज्य सरकार अपने ढर्रे पर चल रही है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ दल के लोगों द्वारा की जा रही अराजकता का आलम यह है कि सत्ताधारी दल की एक महिला नेता और उनके पति, सेवानिवृत वरिष्ठतम पुलिस अधिकारी के हैसलें इतने बुलंद है कि एक सरकारी विभाग की भूमि पर ही कब्जा करने का प्रयास कर रहे है। सपा सरकार के 6 माह के कार्यकाल की उपलब्धि तुष्टिकरण के आधार पर फैसलें और सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों द्वारा की जा रही दबंगई से आम जनता मे दहशत का वातावरण बनता जा रहा है। भ्रष्टाचार और राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था के नाम पर सत्ता में आयी सपा सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था बद-से-बदतर हो गई और भ्रष्टाचार भी जारी रहा। राज्य में सपा की सत्ता आते ही अपहरण की वारदातों ने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया हैं। राजधानी लखनऊ में दूसरी कक्षा के छात्र का अपहरण और हत्या तथा बरेली के नगर आयुक्त के ठेकेदार भाई का नोएडा में अपहरण काण्ड से राज्य की जनता सहम उठी है। पूरे प्रदेश में खास कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपहरण की घटनाएं अखबारों की सुर्खियां तो बन रही है लेकिन सरकार आँख बंद किये बैठी है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि एक आयोग का गठन कर भ्रष्टाचारों के मामलों की जांच की जायेंगी और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाये जायेंगे। भाजपा प्रवक्ता ने सपा सरकार को सलाह दी कि वह अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नसीहत को संज्ञान में लेकर पार्टी के घोषणा पत्र को पढ़े और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करें। श्री पाठक ने भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर सपा सरकार की नीयत पर संदेह जताते हुए कहा कि अब तक के भ्रष्टाचार के जितने भी मामले सामने आये है उनमे असली आरोपियों की मदद में राज्य सरकार की भूमिका संदेहास्पद रही हैं।
श्री पाठक ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति कर अपनी वाह-वाही मे जुटी राज्य सरकार प्रदेश की जनता को शिक्षा व स्वास्थय सुविधाएं उपलब्ध कराने के मोर्चे पर विफल रही है। प्रदेश के पूर्वांचल में फैले इन्सेफलाइटिस से सैकडों लोग की मौत असमय मौत हो गई। लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचती रही है। राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि प्रदेश में प्राइमरी विद्यालयों मे सहायक अध्यापक के 1 लाख 77 हजार पद, प्रधानाध्यापक के 25058 पद, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 35628 पद रिक्त है लेकिन सरकार की रूची जनहित से जुड़े इन सब विषयों में नही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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