समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि प्रदेश में श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी की सरकार जन स्वास्थ्य, पर्यावरण और उद्योगों की प्रगति के बारे में जहाॅ दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है वहीं मानवीय संवेदना से भी अछूती नहीं है। सरकार बाहरी निवेश आकर्षित करने को भी प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश को बदहाली से निकालने के लिए राज्य सरकार तेजी से विकास का एजेन्डा लागू कर रही है।
पिछले पांच साल उत्तर प्रदेश के लिए बहुत भारी साबित हुए। न तो एक भी मेगावाट बिजली पैदा हुई और नहीं विकास गतिविधियों को बढ़ावा मिला। पार्को, स्मारकों और मुख्यमंत्री की प्रतिमाओं पर सरकारी खजाना लुटाया जाता रहा। उद्योगों के नाम पर किसानों की जमीनें जबरन छीनी गईं और उद्योगपतियों को सस्ते दामों पर सौप दी गई। कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब थी कि बाहरी पूॅजीनिवेश ठप्प हो गया और लगे लगाए उद्योग भी बंद हो गए या उत्तर प्रदेश से बाहर पलायन कर गए।
समाजवादी पार्टी की सरकार को विरासत में खाली खजाना और भ्रष्टाचार का बोलबाला मिला। प्रदेश के ऊर्जावान युवा मुख्यमंत्री जी ने हालात में बदलाव का संकल्प लिया और अब फिर प्रदेश में औद्योगिक गतिवधियां षुरू हो गई हैं। आगरा से लखनऊ के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेस वे से 4 औद्योगिक केन्द्र जुड़ेगें। उनमें ग्लास सिटी फिरोजाबाद, प्रगतिनगर करहल/सैफई के पास, खुशबू सिटी कन्नौज और मलिहाबाद खाद्य प्रसंस्करण पैकेजिगं और विपणन उद्योग शामिल है।
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक भूखण्ड लेकर इकाई न लगाने वालों के आवंटन रदद करने का भी फैसला किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) ने 3000 से भी ज्यादा औद्योगिक भूखण्डों का पता लगाया है, जहाॅ आवंटन के 5 साल बीत जाने के बाद भी कुछ काम नहीं किया गया है। इससे फर्जी इकाइयों पर रोक लगेगी जो मनमाने दामेंा पर इन्हें बेचना चाहती थी।
सरकार का उद्योगों के प्रति मानवीय संवेदना का प्रदर्शन इससे होता है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर अगले साल एक अप्रैल से गुटखा उद्योग पर प्रतिबंध तो लगा दिया है पर कारोबारियों एवं इस उद्योग में लगे लोगों की दिक्कतों को समझते हुए उन्हें पुनर्वास व व्यवस्थित होने का समय भी दिया है। मुख्यमंत्री जी ने उम्मीद जताई है कि इतने वक्त में इस क्षेत्र से जुड़े लोग अन्य विकल्प तलाष लेगें।
संसद में पारित फूड सेफ्टी ऐक्ट के अंतर्गत लम्बे समय से प्रदेष में चल रहे गुटका उद्योग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। इस उद्योग में लगभग 32,000 कामगार लगे है जबकि इससे करीब 40 लाख लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री जी ने 01 अप्रैल,2013 तक का समय देकर कई लाख लोगों को जिन्दगी बदहाल होने से बचाने का काम किया हैं। लाखों परिवारीजन इसके लिए उनके कृतज्ञ होगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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