उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्रीकृत उद्ग्रहण (लेवी) प्रणाली के अंतर्गत खरीफ क्रय वर्ष 2012-13 में लेवी चावल का उद्ग्रहण करने हेतु अधिसूचना जारी कर दी है। इस वर्ष लेवी चावल का कार्यकारी लक्ष्य 15.00 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। लेवी चावल की खरीद का कार्य अक्टूबर से प्रारम्भ हो गया है तथा चावल मिलों द्वारा 31 मार्च, 2013 तक क्रय किये गये धान से तैयार चावल पर 30 सितम्बर, 2013 तक केन्द्रीय पूल में लेवी चावल की डिलीवरी ली जायेगी।
प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ’राजा भइया’ ने यह जानकारी देते हुये बताया कि लेवी चावल की खरीद का कार्य खाद्य तथा रसद विभाग द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि केवल कस्टम मिलिंग (सी.एम.आर.) का कार्य करने वाली चावल मिलों से लेवी स्वीकार की जायेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्यात प्रोत्साहन हेतु बासमती चावल एवं पूसा बासमती (1) चावल को लेवी से मुक्त रखा गया है। चावल मिलों द्वारा क्रय किये गये कामन एवं ग्रेड-ए धान से तैयार चावल पर सभी चावल मिलों से 60 प्रतिशत की दर से लेवी ली जायेगी। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर लेवी चावल की खरीद की जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की चावल मिलों द्वारा क्रय किये गये धान से उत्पादित चावल पर निर्धारित मात्रा में लेवी चावल का क्रय किया जायेगा तथा क्रय किये गये चावल का भण्डारण केन्द्रीय पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जायेगा।
खाद्य मंत्री ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत तथा मण्डी समिति की वैध लाइसेंसधारी चावल मिलों से ही लेवी चावल की खरीद की जायेगी। खरीदे गये चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु केवल उन्हीं चावल मिलों से लेवी चावल की खरीद की जायेगी, जिनकी न्यूनतम कुटाई क्षमता 5 कुन्तल प्रति घंटा हो एवं जिनमें पैडी क्लीनर, रबर रोल सेलर या सेन्ट्री फ्यूगल डिहस्कर, पैडी सेपरेटर तथा पालिशर मशीनरी स्थापित हो। उन्होंने बताया कि जिन मिलों पर किसी भी विगत वर्ष का सी.एम.आर. बकाया है, उन चावल मिलों से पहले सम्पूर्ण पिछला बकाया सी.एम.आर. सम्प्रदानित (डिलीवरी) कराया जायेगा, उसके पश्चात ही किसी भी वर्ष की लेवी ली जायेगी। ऐसे मिल/मिलर्स जो बकाया सी.एम.आर. की डिलीवरी न करें, जिसके कस्टम चावल की गुणवत्ता अधोमानक हो, शासन को क्षति पहुॅचाये या अनियमित कृत्य करें, उनके विरूद्ध आवश्यक दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि यदि किसी चावल मिल पर गत वर्षों की अवशेष लेवी देय है तो मिल पहले उन वर्षों की अवशेष लेवी चावल की मात्रा का केन्द्रीयपूल में सम्प्रदान करेगी, उसके बाद ही वर्तमान वर्ष की लेवी का सम्प्रदान कराया जायेगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार लेवी चावल के उद्ग्रहण हेतु समस्त श्रेणी के धान से निर्मित अरवा चावल की रिकवरी 67 प्रतिशत निर्धारित रहेगी।
श्री ’राजा भइया’ ने बताया कि बी.आई.एस. मानक के 50 किलोग्राम भर्ती वाले बोरों में लेवी चावल की खरीद की जायेगी तथा लेवी चावल के क्रय हेतु खाली बोरों की व्यवस्था चावल मिलों द्वारा स्वयं की जायेगी। लेवी चावल के रूप में केवल अरवा चावल ही स्वीकार किया जायेगा। सेला चावल लेवी के रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया लेवी देने के बाद निर्धारित रिलीज़ प्रमाण पत्र के आधार पर, चावल मिलर द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर अवमुक्त व्यापारी भाग के चावल का संचरण (ट्रांसपोर्टेशन) अनुमन्य किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लेवी चावल की खरीद से संबंधित जारी की गयी अधिसूचना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई आ रही है तो इसके लिये खाद्य आयुक्त निर्णय लेने के लिये अधिकृत होंगे। उन्होंने बताया कि चावल मिल से भारतीय खाद्य निगम के डिपो तक लेवी चावल का परिवहन संबंधित आपूर्तिकर्ता/चावल मिलर द्वारा किया जायेगा। चावल के परिवहन व्यय का भुगतान, संबंधित जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित परिवहन दर तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा निर्धारित दर में से जो भी कम हो, पर किया जायेगा।
खाद्य मंत्री ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम के डिपो पर चावल डिलीवरी हेतु आने वाले ट्रक की भारतीय खाद्य निगम के डिपो के गेट इंट्री रजिस्टर में अनिवार्य रूप से प्रविष्टि की जायेगी। गेट इंट्री रजिस्टर में प्रविष्टि तथा बिना वजन लिये भारतीय खाद्य निगम डिपो द्वारा कोई भी ट्रक वापस नहीं किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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