अतिरिक्त उत्पादन का लाभ मिलेगा

Posted on 04 October 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012-13 मेें शरद कालीन एवं बसंत कालीन गन्ने के साथ अन्तः फसली के रूप मंे उर्द/मूंग अथवा सरसों की बुवाई को प्रोत्साहन देेते हुए 1 लाख हे0 के क्षेत्रफल में कार्यक्रम चलाया जायेगा, जिसे वर्ष 2016-17 तक 3 लाख हे0 तक किया जायेगा। गन्ने के साथ उर्द/मंूग की बुवाई 15 जनवरी तक की जानी चाहिये। इस प्रकार की खेती से दलहन/तिलहन के आच्छादन के क्षेत्रफल में वृद्धि से किसानों को अतिरिक्त उत्पादन का लाभ मिलेगा, मृदा की उर्वरता में आशातीत वृद्धि जीवांश, कार्वन के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी वृद्धि होगी जिससे कृषकों को लाभ मिलेगा।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चयनित विकास खण्डों में 500 हे0 के कलस्टर के रूप में लिये गये क्षेत्रफल में यह कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। प्रत्येक कलस्टर मंे योजना का दायित्व कृषि विभाग के एक चिन्हित तकनीकी कर्मचारी को दिया गया है। गन्ने के साथ दलहन/तिलहन की अन्तः फसली खेती के लिए समस्त कृषक अनुदान के लिए पात्र होंगे।
योजना के अन्तर्गत उर्द/मूंग एवं सरसों की उन्नतशील प्रजातियों पर कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इसमें जैव उर्वरक एवं जैव एजेण्ट/जैव पेस्टीसाइड तथा खरपतवार नाशी रसायन पर  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से 50 प्रतिशत एवं 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार कृषकों कुल 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
गन्ने के साथ दलहनी/तिलहनी अन्तः फसली ख्ेाती करने पर रेज्ड वेड प्लांटर एवं मल्टी क्राप प्लांटर की खरीद पर कृषकों को 50 प्रतिशत का अनुदान जिसकी प्रति इकाई अधिकतम सीमा 32 हजार रुपये तक होगी। इस यंत्र से (कूड़ों) का निर्माण तथा रेज्ड वेड प्लांटर से दलहन/तिलहन की बुवाई की जायेगी। यदि कोई कृषक किराये पर मल्टी क्राप प्लांटर लेता है तो उसे 200 प्रति हे0 की दर किराये की धनराशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी। इस योजना में कलस्टर इन्चार्ज को दो दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण एवं चयनित कृषक को विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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