घरेलू हिंसा विरोधी अधिनियम 2005 पर ऑक्सफेम इण्डिया (लखनऊ) द्वारा संवाद्शाला का आयोजन किया गया

Posted on 02 October 2012 by admin

घरेलू हिंसा विरोधी अधिनियम 2005 के सन्दर्भ में एक दिवसीय राज्य स्तरीय संवाद्शाला का ऑक्सफेम इण्डिया (लखनऊ) द्वारा होटल गोमती में आयोजित किया गया! इस संवादशाला में एस. के मिश्रा (डी. सी. पी. ओ. महिला एवं बाल कल्याण निदेशालय), अरविन्द जैन (वरिष्ठ अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय), रूपरेखा वर्मा (सामाजिक कार्यकत्री एवं पूर्व कुलपति ल वि वि),डॉ मंजू अग्रवाल (विभागाध्यक्ष मानविकी विभाग एमिटी विश्वविद्यालय एवं पूर्व निदेशक महिला समाख्या ऊ. प्र) तथा सीमा राना (जनवादी महिला समिति -AIDWA) मुख्य रूप शामिल थी! संवाद्शाला में महिला हिंसा मुद्दे पर प्रदेश में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों , अधिवक्ताओं,महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया और घरेलू हिंसा कानून को प्रभावी ढंग से लागू करवाने के लिये साझी रणनीति पर चर्चा की ! संवाद्शाला में प्रोटेक्शन आफिसर की नियुक्ति सपोर्ट सेंटर के स्थापना एवं कानून के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु आवश्यक धनराशी उपलब्ध कराने के सरकार से मांग की गई! इस संवादशाला का संचालन ऑक्सफेम इण्डिया की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ स्मृति सिंह द्वारा किया गया
इस संवादशाला  के प्रथम सत्र में डी. सी. पी. ओ. महिला एवं बाल कल्याण निदेशालय श्री एस. के. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के बजट आवंटन ७५:२५ के आधार पर बजट व प्रस्ताव भेजा जा चुका है जिसमे हर जिले में २ प्रोटेक्शन आफिसर व ३ सेवा प्रदाता का प्रावधान है डॉ. मंजू अग्रवाल ने कहा कि एक्ट बनाने में महत्वपूर्ण बात है कि महिला को उसी घर में क़ानूनी राहत है इसके साथ साथ  परिवारों में सकारात्मक व्यवहार बनाने कि ज़रूरत है! ऑक्सफेम इण्डिया लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक नंदकिशोर सिंह  ने कहा कि ऑक्सफेम इण्डिया के लिये जेंडर अति महत्वपूर्ण मुद्दा  है  इसके हर पहलुओ पर पर कार्य करने के लिये कटिबद्ध है  ! ऑक्सफेम इण्डिया लखनऊ के  कार्यक्रम समन्यवक  फहरुख रहमान खान ने कहा कि इस कानून के सफल क्रियान्वन के लिये ज़रुरी है कि सरकार एवं स्वयंसेवी संस्थाओ के बीच समन्वयन हो ! ऑक्सफेम एवं आली के सहयोग से बनी विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट २०१० का प्रस्तुतिकरण आली की रेनू ने करते हुए कहा कि रिपोर्ट कहती है कि अभी तक प्रोटेक्शन आफिसर नियुक्त नहीं किये गए है और नहीं सेवा प्रदाताओं कि सूची जारी की गई है!
इस संवाद्शाला के दूसरे सत्र में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द जैन ने कहा के बदलाव के लिये व्यापक रूप से काम करने कि ज़रूरत है हमें छात्र-छात्राओ के बीच भी इन बातो को ले जाना होगा! AIDWA की सीमा राना ने कहा कि हमें सरकार को विकल्प नहीं देना बल्कि उनकी जबाबदेही सुनिश्चित करानी होगी! सुश्री रूपरेखा वर्मा ने कहा कि हमें रणनीति में विशेष रूप से समय सीमा में निर्णय आये इसके लिये दबाव बनाना होगा
संवादशाला में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने सरकार,मीडिया तथा स्वंय की ज़िम्मेदारी और रणनीति पर बात की और भविष्य में घरेलू महिला हिंसा पर व्यापक स्तर पर मिलजुल कर काम करना होगा जिससे समाज और सरकार पर इस बात का दबाव बने कि महिलाओ पर हो रही हिसा कि घटनाओ को गंभीरता से ले !

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in