विचाराधीन कैदियों की रिमाण्ड वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कराये जाने हेतु सभी कारागारों एवं इनसे संबंधित न्यायालयों को यथाशीघ्र वीडियो कान्फ्रेसिंग की सुविधा से जोड़ा जायेगा। इसके अलावा जिला कारागारों में विद्युत की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए जिला कारागारों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था करायी जायेगी।
प्रदेश के कारागार मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’ की अध्यक्षता में आज सचिवालय के तिलक हाॅल में हुई कारागार विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। कारागार मंत्री ने प्रमुख सचिव कारागार को सभी जनपदों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की कार्ययोजना को शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्वित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के लागू हो जाने पर न केवल बन्दियों को न्यायालय लाने एवं वापस कारागार ले जाने में आने वाली खर्च की बचत होगी, बल्कि कैदियों की सुरक्षा खर्च में भी कमी आयेगी। उन्होंने प्रमुख सचिव को यह भी निर्देश दिये कि कैदियों की सुरक्षा हेतु कारागारों में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु ऊर्जा विभाग से समन्वय स्थापित कर कारागारों के लिए एक अलग फीडर की व्यवस्था सुनिश्चित करायें।
कारागार मंत्री ने जेलों में कैदियों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सब्जी में रिफाइन्ड तेल का ही प्रयोग किया जाये। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों एवं जेलरों को सख्त निर्देश दिये कि वे बन्दियों के साथ मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाएं तथा उनकी समस्याओं को सहानुभूतिपूर्वक सुने एवं उनका समाधान करंे। बन्दियों से मिलने के लिए आने वाले मुलाकातियों की मुलाकात हर हाल में सुनिश्चित करायें तथा इसमें किसी तरह की शिकायत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन कारागारों में निरुद्ध सजायाफ्ता बन्दी, वृद्ध, असक्त एवं असहाय हों, ऐसे बन्दियों की दया याचिका को शासन को भेजें, जिससे उनके प्रकरणों को मानवीय आधार पर निस्तारित किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सिद्ध दोष पति-पत्नी बन्दियों को एक ही जनपद कारागार में रखने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाये जायें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि जो भी बजट दिया गया है उसका भलि-भांति उपयोग किया जाय तथा बजट किसी भी दशा में सरेन्डर नहीं होना चाहिए।
कारागार राज्य मंत्री श्री इकबाल महमूद ने मंडल स्तर पर भी जेल विभाग की समीक्षा किये जाने के सुझाव दिए तथा पेरोल सम्बन्धी प्रत्यावेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव, कारागार श्री आर0एम0 श्रीवास्तव ने बैठक में अवगत कराया कि जेल कर्मिकों के वर्दी एवं धुलाई भत्ते, पौष्टिक आहार भत्ते में वृद्धि पर विचार किया जा रहा है तथा इस पर यथाशीघ्र निर्णय ले लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि भोजन मानक में परिवर्तन करने पर भी विचार किया जा रहा है।
बैठक में कारागार राज्य मंत्री श्री रामपाल राजवंशी के अलावा सचिव कारागार श्री राकेश, ए0डी0 जी0 जेल श्री आर0पी0 सिंह के अलावा जनपदों से आये जेल अधीक्षक, जेलर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थिति थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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