उत्तर प्रदेष शासन द्वारा पारिवारिक न्यायालय अधिनियम- 1984 के अन्तर्गत जनपद मेरठ में अपर प्रधान न्यायाधीष स्तर का एक पारिवारिक न्यायालय का सृजन किया गया। उक्त न्यायालय के साथ-साथ न्यायालय के संचालन हेतु 09 कार्मिकों के पदों का भी मानक के अनुसार सृजन किया गया है। इसके अतिरिक्त जनपद आजमगढ़, फैजाबाद, आगरा, मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली एवं झाॅंसी में एक-एक तथा इलाहाबाद, लखनऊ एवं कानपुर नगर में दो-दो पारिवारिक न्यायालय सक्रिय है। उल्लेखनीय है कि इन न्यायालयों को विवाह संबंधी, भरण-पोषण, पति-पत्नी से संबंधित तथा बच्चों की संरक्षता आदि मामलों की सुनवाई का क्षेत्राधिकर है। पारिवारिक न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध अपील केवल उच्च न्यायालय में की जा सकती है। इन अपीलों को उच्च न्यायालय के कम से कम दो न्यायाधीषों की पीठ को सुनने के लिए सक्षम अधिकार है।
यह जानकारी विषेष सचिव न्याय उत्तर प्रदेष शासन ने दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com