समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि साम्प्रदायिक ताकतों की साजिशें बड़े पैमाने पर देश की एकता और अखण्डता को छिन्न विच्छिन्न करने की है, इसलिए वे अराजकता और असुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ सांसद प्रो0 रामगोपाल यादव के प्रति गुजरात के मुख्य मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अहंकारी एवं तानाशाही का रवैया इसका एक प्रमाण है। गुजरात दंगे के समय जब प्रो0 रामगोपाल यादव वहाॅ जाना चाहते थे तो श्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल सुरक्षा देने से मना कर दिया था अपितु यह धमकी भी दी कि वे अपनी जान जोखिम में डालकर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। स्पष्ट है कि श्री मोदी उनकी हत्या कराने का इरादा कर चुके थे। चूंकि समाजवादी धर्म निरपेक्षता के हामी हैं इसलिए साम्प्रदायिक तत्व उनसे नफरत करते रहे हैं। एक प्रमुख राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता के साथ ऐसा दुर्भावनापूर्ण इरादा, असभ्य, निन्दनीय एंव अलोकतान्त्रिक था। साम्प्रदायिकता की आग में हजारों मुसलमानों का कत्ल कर दिया गया। इन हत्याओं के गुनाह से वे बच नहीं सकते हैं। वैसे भी जो कालिख नरेन्द्र मोदी पर लगी है वह कभी भी साफ नहीं होने वाली है।
प्रो0 रामगोपाल यादव एक गंभीर राजनेता हैं। वे कभी अनर्गल या अतार्किक बयान नहीं देते हैं। उनका गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी संबंधी बयान आज की राजनीति के संदर्भ में गहरी चिन्ता का विषय है। हिंसा, साजिश और हत्या जैसे कुत्सित तरीकों के इस्तेमाल से मोदी और उनकी सहयोगी संस्थाएं देश की राजनीति को किस अंधेरी गुफा में ढकेल रही है, इस पर लोकतंत्र के सभी पक्षकारों को सोचना होगा। श्री यादव ने जिस खतरे की ओर संकेत किया है, वह गंभीरता से विचारणीय है।
समाजवादी पार्टी का मानना है कि आर0एस0एस0 और भाजपा द्वारा अगले प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र मोदी का नाम प्रस्तावित करने के पीछे देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने की साजिश है। गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी की मुस्लिम विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन बेस्ट बेकरी कांड, सोहराबुद्दीन मुठभेड़ कांड आदि की कलंकपूर्ण घटनाओं से हो चुका है। पूर्व कांगे्रस सांसद श्री अहसान जाफरी की निर्मम हत्या की कहानी आज भी सिहरन पैदा करती हैं। मा0 सर्वोच्च न्यायालय की दखल पर आज भी अदालतों में गुजरात दंगे के पीडि़तों की दर्द भरी दास्तानों पर सुनवाई हो रही है। अब तक गुजरात के कई मंत्री और अधिकारी जाॅच की चपेट में आ चुके हैं।
आर0एस0एस0 और भाजपा दोनों को जनता अस्वीकार करती जा रही है। उनकी गुजरात के प्रयोग को पूरे देष के पैमाने पर दुहराने की कोशिशें कभी सफल नहीं हो सकेंगी। समाजवादी पार्टी इस राय की है कि देश में विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द कायम रखकर ही देश की एकता अखण्डता बची रह सकती है। समाजवादी पार्टी जब मुस्लिमों के जानमाल और धार्मिक विश्वास की रक्षा की बात करती है तो यह तुष्टीकरण नहीं बल्कि राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा देने की नीति होती है। श्री मुलायम सिंह यादव धर्मनिरपेक्षता के इस देश में सबसे बड़े पक्षधर हैं और उनमें ही यह घोषणा करने का साहस है कि देश आस्था से नहीं संविधान से चलेगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव प्रारम्भ से ही साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ जंग छेड़ने में अग्रणी रहे हैं। उनकी इस मुहिम के चलते ही उ0प्र0 में विघटनकारी ताकतें पस्त हुई हैं और केन्द्र में सत्ता पर काबिज होने का उनका सपना पूरा नही ंहो पाया है। श्री मुलायम सिंह यादव केन्द्र सरकार की मंहगाई एफ0डी0आई0 सम्बन्धी नीतियों का विरोध करते हुये भी सिर्फ धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए केन्द्र की संप्रग सरकार को समर्थन देते रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com