भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार द्वारा लगभग 3 हजार सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमों की वापसी पर प्रश्न चिन्ह लगाया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि इन मुकदमों की वापसी की आड़ में अपराधी तत्वों को बचाने की कोशिश तो सरकार नही कर रही है। सरकार द्वारा इस तरह के फैसले सोची समझी रणनीति के तहत किये जा रहे है ताकि दबंगई का एजेण्डा सरकार चला सके। डा0 मिश्र ने कहा कि झूठे मुकदमों को वापस किया जाना ही चाहिए परन्तु राजनैतिक उत्पीड़न के मुकदमों की पहले सही समीक्षा की जानी चाहिए उसके बाद ही कोई निर्णय किया जाना चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सपा और बसपा का इतिहास ही रहा है कि अन्य दलों के कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे कायम कर उनका उत्पीड़न करना। विरोधी आवाज को ये दोनों दल बर्दाश्त नही कर पाते है। डा0 मिश्र ने बताया की कि प्रदेश भर में सैकड़ो हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी झूठे मुकदमें सपा और बसपा के शासन काल में दर्ज किये गये है। उन्होंने मांग की पूरे प्रदेश मंे भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी लगाये गये झूठे मुकदमें सरकार को वापस लेने चाहिए। सरकार को राजनैतिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के विरोध में एक नीति बनानी चाहिए जिसमें समीक्षा के बाद मुकदमें दर्ज या हटाये जाने चाहिए। पिछली सपा सरकार में सर्वाधिक झूठे मुकदमें भाजपा कार्यकर्ताओं पर लादे गये थे जिनका पार्टी ने समय-समय पर विरोध दर्ज किया था।
डा0 मिश्र ने याद दिलाया कि इसी तरह सपा सरकार संदिग्ध आतंकवादियों के मामले में भी मुकदमें वापसी करना चाहती है। कानून व्यवस्था तथा आतंकवाद जैसे मामलों में सरकार का चलताऊ रवैया प्रदेश के लिए कहीं भारी न पड़ जाये। इसी ढुलमुल नीति के कारण प्रदेश कई बार दंगे की चपेट मे आया तथा प्रतिदिन कहीं न कहीं अशान्ति रहती है। अतः सरकार सम्वेदनशील होकर नीतिगत निर्णय करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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