उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन श्री आलोक रंजन ने राज्य में खरीफ की फसल के दौरान उर्वरक आवंटन, बंदरगाह से राज्य तक उर्वरकों के परिवहन और राज्य के अंदर उर्वरकों के समुचित वितरण की आज समीक्षा करते हुए निर्देश दिये हैं कि रेलवे को पत्र लिखकर आग्रह किया जाये कि सभी बड़े एवं मंझोले स्टेशनों जहाँ रासायनिक उर्वरकों की रेक उतारी जाती है वहाँ प्लेट फार्मों की स्थिति में शेड का निर्माण कर सुधार लाया जाये और दिन-रात उर्वरक उतरान के लिए गड्ढ़ामुक्त सड़क एवं प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि प्लेट फार्मों की खराब दशा के कारण खाद उतरान में 24 घण्टे से भी अधिक का समय खासकर वर्षा ऋतु में लगता है, जिससे उर्वरक के भीगने से खराब होने के अवसर उपस्थित होते हैं और लोडिंग में अनेक दिक्कतें आती हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने जनपदवार उर्वरक वितरण की समीक्षा करते हुए कृषि विभाग को निर्देश दिये हैं कि आलू उत्पादक किसानों को यूरिया और फास्फेटिक उर्वरकों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लगभग 5 लाख फास्फेटिक उर्वरकों की पहले से व्यवस्था करते हुए भण्डारण किया गया है और रबी में प्राप्त होने वाले राज्य के हिस्से के लिए आज ही भारत सरकार को पत्र भेज दिया जाये। इस मौके पर कृषि निदेशक ने बताया कि रबी के लिए 34 लाख टन यूरिया, 9.25 लाख टन डी0ए0पी0, 6 लाख टन एन0पी0के0, 2.50 लाख टन एम0ओ0पी0 और 1.75 लाख टन एस0एस0पी0 उर्वरकों की प्राप्ति हेतु भारत सरकार को पत्र भेजा जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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