उत्तर प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास हेतु भारत सरकार की सहायता से कुल 35 जनपदों में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत अब तक 412.84 करोड़ रूपये का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है।
यह जानकारी आज यहाॅ विशेष सचिव पंचायतीराज श्री ताहिर इकबाल ने दी है। उन्होंने बताया कि यह योजना प्रदेश के 35 जनपदों में चलायी जा रही है, जिसमें अब तक 22 जनपदों बहराइच, श्रावस्ती, महोबा, हमीरपुर, बदायूॅ, महराजगंज, चन्दौली, संत कबीर नगर, कासगंज, सीतापुर, बाराबंकी, जालौन, कौशाम्बी, गोण्डा, प्रतापगढ़, कुशीनगर, उन्नाव, मिर्जापुर, आज़मगढ़, गोरखपुर, बांदा एवं हरदोई जिलों की जिला योजना समिति द्वारा अनुमोदित 41284.07 लाख रूपये का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत इन जनपदों में विकासात्मक कार्यों के लिये उन क्रिटिकल गैप्स को पूरा करने के लिये किया जाता है, जिन कार्यों को किसी अन्य योजना में नहीं लिया जा सका है।
श्री इकबाल ने बताया कि इस योजना हेतु धनराशि का अनुमोदन जिला स्तर पर जिला योजना समिति द्वारा किया जाता है। शेष 13 जनपदों में जिला योजना समिति की बैठकें शीघ्र सम्भावित हैं, जिसमें जनपद बस्ती, एटा, ललितपुर एवं खीरी में बैठकें हो गयी हैं। आज अनुमोदित प्रस्ताव प्राप्त होने की संभावना है। शेष जनपदों में इस माह के अंत तक बैठकें आयोजित कराके प्रस्ताव माॅगें गये हैं। प्रस्ताव प्राप्त होते ही शेष धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष हेतु कुल 635.38 करोड़ रूपये का प्राविधान कराया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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