उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने सम्बन्धित प्रमुख सचिवांे एवं सचिवों को निर्देश दिए हैं कि अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के सम्बन्ध में अपने 26 विभागों से सम्बन्धित शासनादेश, विज्ञप्ति एवं अधिसूचना आदि आगामी एक माह के अन्दर निर्गत कर दें। निर्गत शासनादेशों एवं अधिसूचनाओं को अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति की पब्लिक बुकलेट में संलग्न कर आम जन को उपलब्ध करायी जाएगी। निर्गत शासनादेशों एवं विज्ञप्तियों की समीक्षा आगामी 15 दिन में प्रस्तुत की जाए। अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति के अन्तर्गत समयबद्ध कार्यवाही सम्पादित कराकर उद्यमियों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रभावकारी एवं लुभावनी नीति बनानी होगी।
मुख्य सचिव सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 को तत्काल प्रभावी कराने हेतु विभागीय कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में कुछ चुनिन्दा वस्तुओं पर प्रवेश कर लागू है, उन वस्तुओं में शामिल लोहा तथा इस्पात पर प्रवेश कर से प्रदेश के लोहा तथा इस्पात सम्बन्धी उद्योगों पर प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण उद्योगों के हित में कच्चे माल के रूप में प्रयोग हेतु लोहा तथा इस्पात पर प्रवेश कर शुल्क से छूट उपलब्ध करायी जायेगी। पूरे प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिक इकाइयों, जैव प्रौद्योगिक इकाइयांे, बी0पी0ओ0, काॅल सेन्टर्स, एग्रो प्रोसेसिंग इकाइयों, फूड प्रोसेसिंग इकाइयों, फूड पार्क, सौर ऊर्जा व वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की इकाइयों को स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी। पूर्वांचल, मध्यांचल एवं बुन्देलखण्ड में स्थापित होने वाली इकाइयों को स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत छूट उपलब्ध करायी जायेगी। उन्हांेने कहा कि उद्योगों की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षाें में सामान्यतः अधिष्ठाापित क्षमता का पूरा उपयोग न होने के कारण न्यूनतम विद्युत चार्जेस एवं न्यूनतम विद्युत मांग से इकाई की तरल पूंजी विपरीत रूप से प्रभावित होगी। इसलिए प्रारम्भिक पांच वर्षाें तक न्यूनतम मासिक विद्युत भार एवं न्यूनतम मांग भार के स्थान पर इकाई द्वारा वास्तवित विद्युत उपयोग पर ही विद्युत शुल्क देय होगा।
श्री उस्मानी ने बताया कि इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी में वर्तमान में उपलब्ध 10 वर्ष की छूट नई इकाइयों हेतु एवं 15 वर्ष की छूट पायनियर इकाइयों हेतु जारी रखी जायेगी। इसी प्रकार कैप्टिव पावर प्लान्ट द्वारा उत्पादित स्वयं प्रयोग की जाने वाली विद्युत को इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी से मुक्त रखा जायेगा। प्रदेश की तकनीकी प्रशिक्षण संस्थाओं जैसे आई0टी0आई0, जी0टी0आई0 की विशेषज्ञता का लाभ उद्योगों को उपलब्ध कराने की योजनाएं क्रियान्वित कराकर उद्योगों के कर्मचारी बिना प्रवेश प्रतियोगिता में भाग लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। उद्योगों के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया जायेगा तथा इन प्रशिक्षण संस्थाओं में सीखो-कमाओ योजना प्रभावी ढंग से लागू की जायेगी। उन्होंने बताया कि आई0टी0आई0, पाॅलिटेक्निक तथा अन्य तकनीकी प्रशिक्षण संस्थाओं में इन्डस्ट्रीयल मैनेजमेन्ट समिति गठित कराकर ऐसे अधिकार दिए जायेंगे कि ऐसे संस्थाओं में संसाधनों की कमी न रहे तथा प्रशिक्षित कर्मियों को उद्योगों में रोजगार सुनिश्चित हो सके। आई0टी0आई0, पाॅलिटेक्निक तथा अन्य तकनीकी प्रशिक्षण संस्थाओं को सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर विकसित किया जायेगा। प्रदेश में चल रहे आई0टी0आई0, पाॅलिटेक्निक तथा अन्य तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों को ख्याति प्राप्त औद्योगिक घरानों द्वारा एडाप्ट कराने की अनुमति दी जायेगी।
मुख्य सचिव ने बताया कि कौशल वृद्धि, दक्षता विकास तथा क्षमता विकास के उद्देश्य से प्रदेश मंे 500 करोड़ रूपये से अधिक पूंजी निवेश हेतु आवश्यक राज्य सराकर की विशेष सहायता केस-टू-केस आधार पर इम्पावर्ड कमेटी तथा मा0 मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के बाद उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यापारिक घराने, औद्योगिक समूह तथा औद्योगिक इकाई द्वारा शासकीय आई0टी0आई0 अथवा पाॅलिटेक्निक में अपने संसाधनों से कोई विशेष पाठ्यक्रम चलाये जाने हेतु प्रस्ताव दिया जाता है, तो उस पर तत्परता से कार्रवाई कर अनुमति प्रदान करायी जायेगी। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए दक्षता विकास बोर्ड बनाया जायेगा, जिसमें प्रदेश की आवश्यकतानुसार स्किल मैपिंग की जायेगी तथा बोर्ड द्वारा दक्षता विकास के सम्बन्ध में आवश्यक निर्णय लिए जायंेगे।
औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अन्तर्गत कर विभाग, निबन्धन विभाग, लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उद्योग निदेशालय, पर्यटन विभाग, सिंचाई विभाग एवं भूगर्भ जल, ऊर्जा विभाग, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन, गृह विभाग, श्रम विभाग, पर्यावरण विभाग एवं उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि विपण एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग, मण्डी परिषद, अवस्थापना विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, खाद्य प्रसंस्करण विभाग, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, व्यवसायिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, औषधि एवं खाद् नियंत्रण विभाग, वैकल्पिक ऊर्जा, राजस्व विभाग तथा औद्योगिक विकास विभाग को अपने-अपने विभागों से नई औद्योगिक नीति के अनुसार आवश्यक शासनादेश एवं अधिसूचना निर्गत की जानी हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव कर एवं निबंधन श्री वीरेश कुमार, सचिव ऊर्जा श्री संजय प्रसाद, विशेष सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग श्री कौशल किशोर शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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