उत्तर प्रदेश में विकलांग और निःशक्तजनों की शिक्षा में गुणवत्ता लायें, रोजगार उपलब्ध कराने, नियुक्तियों एवं आरक्षण में उनका पूरा ध्यान रखा जाये। इसके साथ ही विकलांगों हेतु संचालित सभी कल्याणकारी योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाये। विकलांगों हेतु संचालित सभी योजनाओं के उत्तम क्रियान्वयन के लिये माॅनीटरिंग सेल गठित किया जाये। जिलों में समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण एवं भ्रमण कर विकलांगजन से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। विभिन्न विभागों में निःशक्तजनों के आरक्षण के लिये पद चिन्हित किये जायें और यथाशीघ्र भरे जायें।
यह बात भारत सरकार के मुख्य आयुक्त विकलांगजन श्री प्रसन्ना कुमार पिन्चा ने आज यहाॅ बापू भवन स्थित सभागार में कही। उन्होंने उत्तर प्रदेश में विकलांगजन का अलग विभाग होने, बेरोजगारी भत्ता देने आदि पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने विभाग द्वारा पूरे वर्ष के कार्यों का समयबद्ध, प्रदेश, जिला एवं ब्लाॅक स्तर पर फार्मेट तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रशिक्षकों को अनुभवी ट्रेनर्स के द्वारा प्रशिक्षण देने पर जोर दिया।
श्री पिन्चा ने निःशक्तजनों के आरक्षित पदों को लम्बे समय से नहीं भरने पर असंतोष व्यक्ति किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 में निःशक्तजनों हेतु आरक्षण का प्राविधान किया गया था लेकिन 1999 में समूह-ग में पद चिन्हित हुये। इसके बाद 2011 में अन्य सभी समूहों में पद चिन्हित हुये। उन्होंने कहा कि 11 वर्षों तक पद चिन्हित नहीं होने के लिये कौन जिम्मेदार है? उन्होंने कहा कि सभी विभागों का दायित्व है कि निःशक्तजनों के हितार्थ रैम्प का निर्माण कर, आरक्षित कोटा सभी समूहों में पूरा करें।
बैठक में सभी संबंधित प्रमुख विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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