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प्रवेश कर शुल्क से आने वाली धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक एवं वाणिज्य क्षेत्र के जन सुविधाओं में किया जाए: मुख्य सचिव

Posted on 18 September 2012 by admin

  • वाणिज्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में जर्जर तारों एवं पोलों को बदलने के साथ-साथ ट्रांस्फार्मर क्षमता वृद्धि आदि कार्य कराए जाएं: जावेद उस्मानी
  • विभागीय अधिकारियों को प्रवेश कर शुल्क से आवंटित धनराशि का उपयोग वाणिज्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में करने का प्रमाण-पत्र देना होगा: मुख्य सचिव
  • उ0प्र0 व्यापार विकास निधि प्रबन्धन समिति की बैठक विगत कई वर्षाें से न होने पर मुख्य सचिव की नाराजगी
  • वाणिज्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में जन सुविधाओं के विस्तार हेतु 709 करोड़ रू0 की धनराशि के बजट की स्वीकृति निर्गत

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने लोक निर्माण, नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उ0प्र0 स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश कर से प्राप्त धनराशि का उपयोग व्यवसायिक एवं वाणिज्य क्षेत्र में जन सुविधाओं के वृद्धि में ही किया जाए। उन्होंने कहा कि बाजार एवं औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों, पुलों के निर्माण, विकास एवं रख-रखाव तथा सम्बन्धित क्षेत्रों में प्रदूषणमुक्त वातावरण के सृजन विकास एवं रख-रखाव के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि वाणिज्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में जर्जर तारों एवं पोलों को बदलने के साथ-साथ ट्रांस्फार्मर क्षमता वृद्धि आदि कार्य कराकर व्यापारियों को सुविधा उपलब्ध करायी जाए। उद्योग एवं विपणन तथा अन्य वाणिज्यिक, काम्पलेक्सेस को बिजली एवं जलापूर्ति के लिए अवस्थापना का सृजन कराया जाए।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार मंे उत्तर प्रदेश व्यापार विकास निधि प्रबन्धन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने वर्ष 2012-13 मंे ऊर्जा विभाग को 233 करोड़ रूपये, नगर विकास को 236 करोड़ रूपये तथा लोक निर्माण विभाग को 240 करोड़ रूपये की आवंटित धनराशि की स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि आवंटित धनराशि का उपयोग शत-प्रतिशत बाजार एवं औद्योगिक  क्षेत्रों में करने का प्रमाण-पत्र विभाग को देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रवेश कर में आने वाली अतिरिक्त आय का भी आवंटन वर्तमान वित्तीय वर्ष मे ही विभाग की कार्ययोजना के अनुसार शीघ्रताशीघ्र कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवेश कर शुल्क में 1212 करोड़ रूपये की आय सम्भावित है। जिसका शत-प्रतिशत उपयोग व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग के विकास से जुड़े या उनकी सुविधाओं के लिए होने वाले कार्याें में खर्च होगा। उ0प्र0 व्यापार विकास निधि प्रबन्धन समिति की बैठक विगत कई वर्षाें से न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि व्यापारियों के हित के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण है तथा भविष्य में बैठक निर्धारित समय पर आहूत कराकर कार्य योजनाओं की स्वीकृति निर्गत करायी जाए।
श्री उस्मानी ने नगर विकास, ऊर्जा एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि यदि प्रवेश कर शुल्क से आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग वाणिज्य एवं औद्योगिक क्षेत्र के विकास एवं अवस्थापनाआंे में नहीं किया गया, तो सम्बन्धित अधिकारियों की खैर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस मद में प्राप्त होने वाली धनराशि उद्योग धन्धे वाले शहरों के विकास में खर्च किया जाना आवश्यक है, ताकि व्यापारियों की स्थानीय स्तर की समस्याओं का समाधान यथाशीघ्र हो जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव कर एवं निबन्धन श्री वीरेश कुमार, प्रमुख सचिव पी0डब्ल्यू0डी0 श्री कुमार अरविन्द देव, सचिव वित्त श्री बी0एम0 जोशी, सचिव ऊर्जा श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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