Categorized | लखनऊ.

पत्रकार पेशेगत जिम्मेदारी की भावना को समझें

Posted on 16 September 2012 by admin

hindi-media-center-1भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने कहा है कि पत्रकार पेशेगत जिम्मेदारी की भावना को समझें। अन्यथा उनके पेशे का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने पत्रकारों को आगाह किया कि समाजिक सरोकार से जुड़ी हुई खबरों को महत्व दें।
जस्टिस काटजू ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि भारतीय मीडिया सेलिब्रिटी को अधिक महत्व देती है और आम आदमी से जुडे मुद्दों की उपेक्षा कर देता है। जस्टिस काटजू आज यहां हिन्दी समाचार पत्र सम्मेलन द्वारा मीडिया में एकाधिकार प्रवृत्ति विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पद से विचार व्यक्त कर रहे थे।

जस्टिस काटजू ने कहा कि देश के पत्रकार असल मुद्दों की उपेक्षा कर रहे हैं। वे ऐसी खबरों के पीछे भागते हैं जिनका समाज के विकास और आम आदमी से कोई सरोकार नहीं होता। उन्होने कहा कि आज भी देश में प्रतिदिन 47 किसान आत्महत्या करते हैं किन्तु अखबारों में खबरेें दिखायी नहीं देतीं। देश के 47 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। यह आंकड़ा उन अफ्रीकी देशों से भी अधिक है जहां सबसे यादा गरीबी है। इन अफ्रीकी देशों मे बच्चों में कुपोषण की दर 33 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि असल मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। असल मुद्दे आर्थिक हैं। उन्होने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पत्रकार अपनी सेंस आफ रिस्पांसबिलिटी को समझें अन्यथा बहुत दिन तक मीडिया और पत्रकारों की यह बात स्वीकार नहीं की जाएगी।

मीडिया में सामाजिक सरोकार की बात करते हुए जस्टिस काटजू ने कहा कि वे इस पेशे से पैसा कमाने की प्रवृत्ति के खिलाफ नहीं हैं, किन्तु मीडिया मालिक कहें कि हमें सिर्फ पैसा कमाना है देश की कोई जिम्मेदारी नहीं हैं। अथवा हमारा कोई समाजिक सरोकार नहीं है तो यह गलत है। हमें समाजिक जिम्मेदारी निभानी ही होगी।

इलेक्ट्रानिक मीडिया के संदर्भ में जस्टिस काटजू ने कहा कि वे नियमन के लिए कानून बनाये जाने के पक्ष में हैं। किन्तु इलेक्ट्रानिक मीडिया की एसोसिएशन स्वरू नियमन की बात करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेल्फ रेगूलेशन इज नो रेगूलेशन। यदि ऐसा ही होगा तो सभी कानून खत्म करने होंगे। समाज का हर वर्ग कहेगा कि हम अपना कानून लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि हम कंट्रोल के खिलाफ हैं किन्तु रेगूलेशन होना चाहिए। कंट्रोल में तानाशाही हो सकती है किन्तु रेगूलेशन तो नियमों के अनुसार होता है। इस संदर्भ में उन्होने मीडिया काउन्सिल बनाये जाने तथा उसे अधिकार संपन्न बनाये जाने की वकालत की।
प्रेस कौसिल के चेयरमैन ने कहा कि मै उत्तर प्रदेष सरकार से अपील करूंगा कि छोटे व मध्यम समाचारो का अस्तित्व बनाये रखने के लिए वह कुछ कार्य करे। क्योंकि वास्तव में ये ही जनता के पहरूए हैं।

संगोष्ठी में प्रदेश के राजस्व मंत्री अम्बिका चैधरी ने कहा कि मीडिया में एकाधिकार की बढ़ती प्रवृति चुनौती है। उन्होंने कहा कि देश के कुल पचास कारपोरेट घराने समूचे मीडिया जगत पर छाये हुए हैं। ये ही आज मीडिया, समाज का एजेण्डा तय कर रहे रहे हैं। इसी के चलते कारपोरेट घराने सरकारों की नीतियों को प्रभावित करते हैं। श्री चैधरी ने कहा कि अभी गनीमत है कि मीडिया का एकाधिकार सरकारों को बनाने और बिगाड़ने की स्थिति में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात से सचेत रहना होना होगा कि मीडिया की एकाधिकार प्रवृत्ति सरकारों की नीतियों और इसके अस्तित्व को प्रभावित न करे।

उन्होंने छोटे और मझोले समाचार पत्रों की समाचार नीतियों की प्रसंशा करते हुए कहा कि ये एकाधिकार प्रवृति के मार्ग में अवरोध बने हुए हैं। छोटे अखबार आज भी एकाधिकार की प्रवृत्ति से बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसे और सशक्त करना होगा। श्री चैधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों की रिपोर्टिंग के मानक तय करने से इनकार कर सकता है किन्तु प्रेस परिषद् इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। उसे यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एकाधिकार की प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी पीसीआई को ही पहल करनी होगी।

गोमती नगर स्थित हिन्दी मीडिया सेंटर के सभागार में आयोजित संगोष्ठी और सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद ने कहा कि छोटे और मझोले अखबारों और ग्रामीण पत्रकारों को महत्व मिलना चाहिए। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार प्रेा. बलदेव राज गुप्ता ने कहा कि नये परिवेश में प्रेस काउन्सिल आफ इण्डिया को भी बदलाव करना होगा। उन्होने प्रेस काउन्सिल से अपील की कि वह नये मानक तैयार करे। पत्रकारों के प्रशिक्षण के लिए भी एक राष्ट्रीय नीति बनाकर एक समान पाठयक्रम तय किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस काउन्सिल के सदस्य शीतला सिंह, हिन्दी समाचार पत्र सम्मेलन के अध्यक्ष उत्तम चन्द्र शर्मा, उपाध्यक्ष राजीव अरोरा, मंत्री, रजा रिजवी, सामाजिक कार्यकत्री सुश्री ताहिरा हसन, बिजनौर टाइम्स के सूर्यमणि रघुवंशी आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में उ.प्र.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन दीक्षित, महामंत्री सर्वेश कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सुभाष राय, सम्पादक उमेष गुप्ता, फारवर्ड ब्लाॅक के रामकिषोर, तरूणमित्र के कैलाषनाथ, डा. सत्यप्रकाष सिंह, जनमोर्चा बरेली के सम्पादक कमलजीत सिंह व समेत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये पत्रकार शामिल थे। संचालन सम्मेलन की महामंत्री सुमन गुप्ता ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in