उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज ग्राम्य विकास विभाग की बैठक में राज्य के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की संस्तुतियों के आधार पर 7000 कि0मी0 लम्बे मार्गो के उच्चीकरण प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया है। उन्होने साथ ही निर्देश दिया कि नये कार्यो का निर्माण कार्य प्रत्येक दशा में अगले माह तक आरम्भ कर दिया जाय ताकि आम जनता को योजनाओं का लाभ अविलम्ब मिलना शुरू हो।
कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में आज उनके कार्यालय कक्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सम्बन्धित राज्य स्तरीय स्थायी समिति की बैठक में श्री आलोक रंजन ने यह निर्देश दिए। उन्होने कहा कि नवनिर्मित सड़कों के निर्माण में नेशनल क्वालिटी मानीटर द्वारा कोई कमी इंगित की जाती है तो सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उसका तत्काल निराकरण कराया जाय और हर हालत में गुणवत्ता सुनिश्चित करायी जाय। उन्होने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत गत वर्षो में निर्मित सड़कों के नियमित रखरखाव के लिए विशेष रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी सड़क एक बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर है, इसलिए इनको लम्बे समय तक जनोपयोगी बनाये रखने के लिए रखरखाव का महत्व अत्यधिक है। उन्होने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि एक रोड मेण्टीनेन्स मैनुअल भी तैयार किया जाय।
बैठक मंे प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास, प्रमुख सचिव, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, आयुक्त ग्राम्य विकास एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उ0प्र0 ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, सचिव लोक निर्माण विभाग, विशेष सचिव, ग्राम्य विकास एवं अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विशेष सचिव पंचायती राज, प्रमुख अभियन्ता (ग्रामीण सड़क) लोक निर्माण विभाग तथा निदेशक एवं मुख्य अभियंता, ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्य रूप से भारत सरकार से प्राप्त सहमति के क्रम में प्रदेश में विभिन्न विभागों/ संस्थाओं द्वारा विगत वर्षो में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित ऐसी सड़के जो वर्तमान में जर्जर है एवं इस कारण उन पर आवागमन में रूकावट आ गई है के सुधार/उच्चीकरण हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत तैयार किए गये प्रस्ताव पर चर्चा की गयी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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