किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जायेगा

Posted on 11 September 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में ऊसर, बीहड़, बंजर एवं समस्याग्रस्त भूमि को कृषि योग्य बनाने के साथ-साथ किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जायेगा। सरकार की इस अति महत्वपूर्ण योजना पर वर्ष 2012-13 में 47.83 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत भूमि सेना तैयार कर यह योजना क्रियान्वित की जायेगी। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में किसानों को ऊसर सुधार हेतु दी जाने वाली सुविधाओं में जिप्सम के प्रयोग पर 90 प्रतिशत अधिकतम् 13500 रुपये प्रति हे0 का अनुदान दिया जायेगा। हरी खाद उत्पादन हेतु 90 प्रतिशत अधिकतम् 2250 रुपये प्रति हे0 अनुदान दिया जायेगा। फसलोत्पादन पर कृषि निवेश पर 50 प्रतिशत अधिकतम् 2500 रुपये प्रति हे0 का अनुदान दिया जायेगा। कृषि वानिकी/उद्यानीकरण हेतु सुरक्षा, खाई एवं गड्ढ़ों की खुदाई पर अधिकतम् 10 हजार रुपये प्रति का अनुदान तथा कृषि वानिकी एवं उद्यानीकरण हेतु पौध/बीज की व्यवस्था पर अधिकतम् 3,000 रुपये प्रति का अनुदान दिया जायेगा।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्यान्न की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि लाना अति आवश्यक है। प्रतिवर्ष 25 से 30 हजार हे0 कृषि योग्य क्षेत्र गैर कृषि योग्य क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। उत्पादन मंे वृद्धि के लिए अधिकतम् अकृष्य क्षेत्र को उपचारित कर कृषि अन्तर्गत आच्छादित किया जाना है। भूमि सेना योजना के माध्यम से समस्याग्रस्त क्षेत्रों का नियोजित रूप से त्वरित विकास कर कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जायेगी। सरकार द्वारा इसीलिए भूमि सेना योजना को पुनः क्रियान्वित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

भूमि सेना योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के समस्त जनपदों के परियोजना क्षेत्र में ऊसर, बीहड़, बंजर भूमि को भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को राजस्व विभाग के सहयोग से आवंटित कराकर अथवा पहले से आवंटित भूमि को अथवा लघु एवं सीमान्त कृषकों की अनुपजाऊ भूमि को उन्हीं के द्वारा उन्हीं के लिए उन्हीं से सुधार कराया जायेगा। इस तरह इस योजना का मुख्य उद्देश्य भूमि को सुधार कर कृषि योग्य बनाना है। योजना के अन्तर्गत फसल उत्पादकता में वृद्धि, कृषि बागवानी एवं कृषि वानिकी से संबंधित कार्य करना है। इसके अतिरिक्त जलभराव के क्षेत्रों का उपचार करके फसल उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना भी इसका उद्देश्य है। भूमि सेना योजना को एक सुसंगठित अनुशासित एवं क्रियाशील कार्य बल के रूप मंे गठित कर आवश्यकतानुसार विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण देकर भूमि एवं जल संरक्षण, जल संभरण, उद्यानीकरण, कृषि वानिकी आदि कार्यों मंे लगाकर परियोजना क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे। इसमें भूमि सैनिकों के समूह को भूमि सेना कहा जायेगा जिसमें भूमिहीन, खेतिहर, मजदूर, जिनकी आजीविका मजदूरी पर निर्भर है को शामिल किया जायेगा। भूमि सेना के अध्यक्ष को टोलीनायक कहा जायेगा, इन्हें फोटोयुक्त परिचय पत्र भी दिया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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