संत-धर्माचार्य और हिन्दू समाज प्राण दे देगा लेकिन विराजमान रामलला की एक इंच भूमि किसी अन्य धर्मावलमिबयों को नहीं दी जायेगी। यह भूमि श्रीराम की है और इसकी रक्षा के लिए हिन्दू समाज लगातार संघर्श करता आ रहा है और भव्य मंदिर निर्माण तक संघर्श करता रहेगा।
यह विचार श्रीराम जन्मभूमि न्यास द्वारा आयोजित अयोध्या के संत-धर्माचार्यो की बैठक में संतों ने संकल्प व्यक्त करते हुए कहा। बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व मणि राम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने कहा श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला की सम्पूर्ण क्रीडा एवं लीला भूमि की रक्षा करने के लिए हिन्दू समाज अपने प्राणों की आहुति देने में भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा इधर कुछ दिनों से समझौता और वार्ताओं का दौर पुन: चालू हो गया है जो लोग इसमें सक्रिय हैं वह हिन्दू समाज के अकेले प्रतिनिधि नहीं हो सकते। समझौता और वार्ता का दौर बहुत पीछे छूट गया है लाखों की संख्या में हिन्दू समाज ने अपनों को बलिदान किया। अब रामलला की जन्मभूमि पर उनके भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं है। अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में हिन्दू समाज बाबर के नाम किसी मसिजद का निर्माण नहीं होने देगा।
विहिप के अन्तर्राश्ट्रीय संरक्षक व मार्गदर्षक श्री अषोक सिंहल ने कहा श्रीराम जन्मभूमि का विशय धार्मिक है। 1984 से पूज्य संतों ने इस आन्दोलन को अपने हाथों में लिया। अदालती निर्णय आया कि जहां पर रामलला विराजमान है वही राम जन्मभूमि है इसके बाद भी मुसिलम वोट के लालची हिन्दुओं एवं मुसलमानों को गुमराह करने का शडयंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा श्रीराम जन्मभूमि का संघर्श राजनीति के लिए नहीं बलिक धार्मिक एवं सांस्कृति मानबिन्दुओं की पुनप्र्रतिश्ठा के लिए है। उन्हाेंने कहा 2013 में प्रयागराज में होने वाले कुम्भ के दौरान पूज्य संतों द्वारा श्रीराम जन्मभूमि की वर्तमान परिस्थतियों को देखते हुए निर्णायक निर्णय लिया जा सकता है।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिश्ठ सदस्य डा.रामविलासदास वेदान्ती ने कहा हम अयोध्या में किसी भी शडयंत्र को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा अयोध्या के संत-धर्माचार्य वार्ता में लगे हुए कुछ तथाकथित संतों के वहिश्कार करने की चेतावनी देते हुए कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि के लिए हमारों पूर्वजों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, लडाइयां लडी उसी जन्मभूमि पर मसिजद निर्माण का शडयंत्र चल रहा है। अयोध्या के संत-धर्माचार्य एवं स्थानीय हिन्दू समाज को सजग रहने की आवष्यकता है।
जगदगुरू रामानुचार्य स्वामी पुरूशोत्तमाचार्य महाराज ने कहा हिन्दू समाज में विभाजन नहीं होने दिया जायेगा। प्रभु श्रीराम के आदर्षो को आत्मसात करते हुए अयोध्या का संत और गृहस्थ श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है। दिगम्बर अखाडा के महंत सुरेष दास महाराज ने कहा पवित्र संकल्प की सिद्धी के लिए हिन्दू समाज चटटान की भांति अडिग है उसे न भ्रमित किया जा सकता है और न छला जा सकता है। हरिद्वार से आये रामानन्द आश्रम के पीठाधीष्वर महामंडलेष्वर भगवान दास महाराज ने कहा देष की वर्तमान सिथति को आज देखने की आवष्यकता है आतंकवाद, घुसपैठ जैसी समस्या से हम निरन्तर जुझ रहे हैं। धार्मिक मानबिन्दुओं की रक्षा के लिए हमें कमर कसने की आवष्यकता है। इस अवसर पर महामंडलेष्वर सीताराम त्यागी, महामंडलेष्वर प्रेम षंकर दास, महंत कौषल किषोर दास, महंत गोपाल दास, महंत बृज मोहन दास, महंत बलराम दास, महंत जानकी दास, स्वामी कृश्णाचार्य, महंत पवन दास, स्वामी विजय राम दास भक्तमाल, राजीव कुमार दास, महंत मन मोहन दास, महंत प्रिया प्रीतम षरण, विहिप के केन्द्रीय मंत्री पुरूशोत्तम नारायण सिंह, कारसेवक पुरम प्रभारी प्रकाष अवस्थी, रामसखा त्रिलोकी नाथ पांडेय, धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख देवेन्द्र राठौर आदि सैकड़ों संत-धर्माचार्य उपसिथत रहे। संचालन उमाषकर मिश्र ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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