प्रदेश में चल रहें तीन दिवसीय साक्षर भारत महोत्सव के समापन पर ‘‘महिला साक्षरता मातृत्व एवं सशक्तिकरण पर जोरदार चर्चा आज यहां डा0 राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय स्थित डा0 अम्बेडकर सभागार में हुई। सुश्री नीलम शर्मा (दूरदर्शन) ने महिलाओं को साक्षर कर उनकी समाज में उचित व प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित किये जाने के बात पर दिया।
इस अवसर पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रदेश के बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी ने कहा कि सरकार महिलाओं में शिक्षा को हर स्तर पर बढ़ाने हेतु प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा बालिकाओं, धात्री महिलाओं व छोटे बच्चों के विकास हेतु उनके स्वास्थ्य व पोषण आदि पर योजनायें चलायी जा रही हैं ताकि महिलाओं का विकास सुचारू रूप से हो सके। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य महिलायें समाज का निर्माण व अपनी देख-रेख अच्छी तरह से कर सकती हंै।
श्री चैधरी ने कहा कि महिलाओं को अधिक साक्षर बनाने के लिए केन्द्र े व राज्य दोनो को ही ग्रामीण स्कूलों के नवीनीकरण पर जोर देना होगा। गांव में ‘टाट-पट्टी’ हटाकर मेज कुर्सी की भी व्यवस्था हो ताकि गांव का हर बच्चा स्कूल जाने में रूचि लंे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किताब, ड्रेस, टाई आदि निःशुल्क दी जा रही है।
इस अवसर पर उपस्थित केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा तीरथ ने परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए सबकी मांगों को सुना और कहा कि केन्द्र सरकार महिलाओं की साक्षरता के लिए कई योजनायें चला कर देश को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। साक्षर बनने से महिलाओं के जीवन में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत महिलायें भारत में अशिक्षित रह गयी हैं उन्हें भी साक्षर बनना हम सब की प्राथमिकता है। महिला चैका, बर्तन, घर-संसार में इस तरह से उलझी रहती है कि वह अपने स्वास्थ्य आदि का ध्यान कम रख पाती हैं। अगर महिला साक्षर होगी तो प्रगति निश्चित है।
इस अवसर पर 25 राज्यों के प्रतिनिधि, स्वयंसेवक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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