जिला युवा कल्याण अधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि शिक्षा व प्रशिक्षण को लेकर आज के युवाओं पर माता-पिता व शिक्षकों का काफी दबाव रहता है। यही कारण है कि इच्छुक टेªड में प्रवेश न मिलने के चलते कुंठित मन से शिक्षण व प्रशिक्षण करने वाले युवा वर्ग को रोजगार तलाशने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए युवा वर्ग को चाहिए कि वह अपनी पसंद की टेªड में प्रवेश लेने के लिए अभिभावकों को राजी करें और तनमयता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें। क्योंकि निष्ठा व लग्न के साथ किये गये प्रयास से ही सफलता मिलती है। श्री सिंह रविवार को लघु उद्योग विभाग व केन्द्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा संचालित उद्यमिता विकास संस्थान एवं सहयोग परिवार इंस्टीट्यूट आफ कम्प्यूटर एजूकेशन (स्पाइस) द्वारा आयोजित डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन पाठ्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उद्यमिता विकास संस्थान के नोडल अफसर विनोद शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रशिक्षण वितरण समारोह में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस वैज्ञानिक युग में कम्प्यूटर का महत्व काफी बढ़ गया। विदेशों में तो कम्प्यूटर की जानकारी न रखने वाले लोगों को निराक्षर की श्रेणी में माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में कम्प्यूटर सभी व्यवसायों के लिए जरूरी बन गया है। इसलिए कम्प्यूटर प्रशिक्षण लेकर बेरोजगार युवक-युवतियां नौकरी के साथ ही कम पूंजी में अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं। इस मौके पर बोलते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों को चाहिए कि वह प्रतिभागियों को कम्प्यूटर आपरेट करने के साथ ही रोजगार से संबंधित जानकारियां दें जिससे प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार व स्वारोजगार स्थापित करने में कोई कठिनाई न हो। इस मौके पर सहयोग परिवार के निदेशक राज किशोर पासी व स्पाइस की प्रबंधक ज्योति भारती ने आये हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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