ऽ मुख्यालय से जनपद के कस्बों के लिए सवारियाॅ ढोतें हैं लगभग 500 डग्गामार वाहन
ऽ 200 रु0 प्रति वाहन वसूली करते हैं नगर कोतवाल के हमराही
ऽ एक लाख रुपये माहवारी की आमदनी होती है नगर कोतवाल को मात्र डगामार वाहनों से
जनपद मुख्यालय के व्यस्ततम चैराहों पर आड़े- तिरछ खड़े होकर उग्गामार वाहनों से सवारियाॅ भरने से ही नगर में हमेषा जाम की स्थिति बनी रहती है। । नगर पालिका परिषद द्वारा प्रतिवर्ष वाहन स्टैण्डों का ठेका दिया जाता है। किन्तु वाहन स्टैण्ड के लिए कहीं पर भी स्थान निर्धारित नहीं है। उन्हें तो मात्र अपनी सुरक्षा राषि से मतलब रहता है। इसीलिए नगर के व्यस्ततम चैराहों वाधमण्डी, राहुल टाकीज चैराहा, माल गोदाम तिराहा, गभिड़या ओर ब्रिज के नीचे, डी एम आवास तथा पुलिस अधीक्षक आवास के सामने सहित नगर के व्यस्ततम चैराहों पर डग्गामार वाहन कभी भी सवारियाॅ को भरते देख्ेा जा सकते है। जिसमें सदैव नगर मंे जाम की स्थिति बनी रहती है। इसका कारण पुलिस द्वारा वाहनों से की जाने वाली अवैध उगाही हैं । मुख्यालय से कादीपुर, सेमरी, कूरेभार, रामगंज, फैजाबाद, गौरीगंज, अमेठी, कुड़वार, अलीगंज,बॅधुआ बाजार तथा चाॅदा के लिए ये वाहन चलते हैं। यातायात पुलिस, चैकी प्रभारी सम्बन्धित थाने सहित नगर कोतवाली पुलिस भी इन वाहनों से अवैध वसूली करती है। जनपद मुख्यालय से उक्त स्थानों के लिए लगभग 500 वाहनों से मात्र नगर कोतवाल को ही एक लाख रूप्ये कहीने की अवैध रूप से आमदनी होती है। नगर कोतवाल के हमराही इन वाहनों से माहवारी एक लाख रूप्ये वसूल कर नगर कोतवाल को देते हैं।ं जिसकी चर्चा नगर में हर जगह व्याप्त है। वसूली के चलते ही नगर के प्रत्येक चैराहों पर जाम की समस्या बनी रहती है। ओवर ब्रिज गभडि़या के नीचे तो टैम्पों वाले अपनी गाडि़यों को इस बेतरतीबी से खड़े करते हैं कि साइकिल सवार व पैदल चलने वालों के लिए भी परेषानी पैदा करते रहते है और यह सब कारनामा पुलिस के नाक के नीचे होता रहता है। पुलिस के सिपाही अपने 20 रू0 के चक्कर में ही पड़े रहते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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