स्कूली षिक्षा तथा साक्षरता विभाग, मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया तीन दिवसीय ‘‘साक्षर भारत महोत्सव‘ साक्षरता के ऊॅंचे लहराते परचम के साथ आज सम्पन्न हुआ। आज के दिन का मुख्य आकर्शण अनूठा तथा संवादपूर्ण गेम षो - ‘षिक्षा का सूरज‘ रहा। यह गेम षो सिद्धार्थ बासु की टीम द्वारा तैयार किया गया था और इसे होस्ट किया, आकर्शक मिनि माथुर और दिलचस्प रोषन अब्बास ने। इस गेम षो में 6 विभिन्न राज्यों - मध्य प्रदेष, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेष, उत्तराखंड तथा हरियाणा - के नये-नये साक्षर हुये लोगों, जिनमें अधिकांष महिलायें थीं, ने हिस्सा लिया। इस गेम षो के कई राउंड थे - जैसे कोई षब्द खोजना, असंगत षब्द बताना, नये षब्द बनाना, आवाज़ की पहचान करना इत्यादि - जिनके तहत इन नव-साक्षर लोगों के साक्षरता स्तर को परखा गया।
हरियाणा की टीम - प्रतियोगियों के नाम, कविता तथा सोना - इस गेम षो की विजेता रही और इन दोनों ही प्रतियोगियों को एक-एक एलजी एलसीडी टेलीविज़न इनाम में दिया गया। उत्तराखंड की टीम - प्रतियोगियों के नाम, भावना, पुश्पा तथा कमला - दूसरे स्थान पर रही और इस टीम के प्रत्येक प्रतियोगी को एक-एक मोबाइल फोन इनाम के तौर पर दिया गया। मध्य प्रदेष की टीम - प्रतियोगियों के नाम, माया, कुमेष तथा पूनम - गेम षो में तीसरे स्थान पर रही और इसके प्रत्येक प्रतियोगी को एक-एक घड़ी इनाम स्वरूप भेंट की गई।
गेम षो के बाद, लोकप्रिय दूरदर्षन षो - चर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विशय था, महिला साक्षरता, मातृत्व तथा सषक्तिकरण। इसकी एंकर थीं, सबकी पसंदीदा एंकर सुश्री नीलम षर्मा। इस चर्चा में श्रीमती कृश्णा तीरथ, महिला एवं बाल विकास मंत्री, डाॅ0 डी0 पूरनदेष्वरी, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, भारत सरकार, सुश्री छवि राजावत, सरपंच, ग्राम पंचायत, सोडा, जिला टोंक, राजस्थान, श्री राम गोविंद चैधरी, माननीय मौलिक षिक्षा तथा बाल विकास एवं पोशण मंत्री और प्रो0 नसरीन, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान ने हिस्सा लिया।
महिलाओं को साक्षर तथा षिक्षित करना न केवल उन्हें समाज में समान दर्जा दिलाने तथा सषक्त बनाने के लिये आवष्यक है, बल्कि देष के विकास के लिये भी ज़रूरी है। महिलाओं के षिक्षित होने से परिवार में स्वच्छता तथा पोशण पर बेहतर ध्यान दिया जाता है और समय पर चिकित्सीय सहायता प्राप्त कर, परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल भी अधिक प्रभावपूर्ण ढंग से की जाती है। षिक्षा महिलाओं को, परिवार के स्वास्थ्य की दृश्टि से, बेहतर माॅं बनने में सहायता प्रदान करती है। इससे न केवल महिलाओं की स्वयं की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर रहती है, बल्कि उनकी मातृत्व योग्यता भी सुधरती है, जिससे षिषु मृत्यु दर कम होती है। साक्षर भारत अभियान का संदेष - साक्षरता, षिक्षा तथा सषक्तिकरण - इन तीन दिवसीय महोत्सव का मुख्य बिंदु रहा।
साक्षर भारत की परिकल्पना युवाओं के सषक्तिकरण के लिये एक मिषन के रूप में की गई है, जिसका केंद्र महिलायें हैं। साक्षरता कार्यक्रम को पुनः डिज़ाइन किया गया है और अब इसके तहत चार प्रमुख कार्यक्रम आते हैं - मौलिक षिक्षा/ समकक्षता / व्यवसायिक अध्ययन तथा सतत् षिक्षा कार्यक्रम है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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