भारत के उप राष्ट्रपति महामहिम श्री मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा है कि जब देश पूरी तरह से साक्षर हो जाएगा तो हम तेजी से प्रगति करेंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के समय हमारी साक्षरता दर लगभग 12 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 2011 में यह बढ़कर 74 प्रतिशत हो गई है। उन्हांेंने कहा कि अभी भी साक्षरता के क्षेत्र में बहुत कार्य करना बाकी है क्योंकि विश्व के सर्वाधिक निरक्षर भारत में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया के लोगों को ज्ञान बांटा, वह भी तब जब हमारी साक्षरता का प्रतिशत कम था। उन्हांेने कहा कि यदि यह प्रतिशत और बढ़ जाए तो भारत दुनिया में ज्ञान का केन्द्र बन सकता है।
श्री अंसारी ने कहा कि साक्षर भारत मिशन के अन्तर्गत उन लोगों को साक्षर बनाने का प्रयास किया जाता है, जिनकी उम्र 15 वर्ष से अधिक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रसार के लिए वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है, जिसके सुखद परिणाम मिलने लगे हैं। इसके माध्यम से बच्चे स्कूलों तक पहुंच रहे हैं और उनकी शिक्षा का बन्दोबस्त हो रहा है। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे साक्षर भारत मिशन के माध्यम से ऐसे लोगों को साक्षर बनाने तथा उनमें रोजगारपरक कौशल विकसित करने का कार्य किया जा रहा है, जो बचपन में शिक्षा से वंचित रह गए।
उप राष्ट्रपति ने यह विचार आज अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा लखनऊ के डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अम्बेडकर सभागार में आयोजित साक्षर भारत पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। ज्ञातव्य है कि प्राधिकरण द्वारा लखनऊ में 07 सितम्बर से 09 सितम्बर, 2012 तक साक्षरता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को साक्षर बनाने की दिशा में हम काफी दूरी तय कर चुके हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बची हुई दूरी भी हम शीघ्र पूरी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि साक्षर भारत मिशन के अन्तर्गत 70 मिलियन लोग, जिनकी उम्र 15 वर्ष से ऊपर है, को आच्छादित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अल्पसंख्यक लोगों की बहुतायत है। ऐसे में इस मिशन को उन लोगों तक पहुंचाना अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि यदि हम इनको साक्षर बनाने में सफल हुए, तो हर क्षेत्र में देश की सफलता की गारण्टी होगी। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के 372 जिलों में साक्षर भारत मिशन चलाया जा रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस मिशन के अन्तर्गत दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके अन्तर्गत आच्छादित लोग पढ़ने-लिखने में तो सक्षम बनें ही, साथ ही उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलें। हमें इस मिशन के अन्तर्गत दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के तरीके भी तलाशने होंगे। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह मिशन जिस मकसद से चलाया जा रहा है, वह अवश्य पूरा हो।
समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे साक्षर भारत मिशन से लोग साक्षर बनेंगे, विशेषकर महिलाओं में साक्षरता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जब घर की महिलाएं पढ़ी-लिखी होंगी, तो घर के साथ-साथ प्रदेश और देश भी साक्षर होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साक्षरता बढ़ी है परन्तु अभी बहुत काम करना बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले दशक में महिला साक्षरता दर लगभग 18 प्रतिशत बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान समाजवादी पार्टी की सरकार ने ऐसे तमाम निर्णय लिए हैं, जो साक्षरता बढ़ाने, विशेषकर महिलाओं में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कारगर साबित होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में लिए गए निर्णयों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण कर कक्षा 11 में प्रवेश लेने पर छात्रों को निःशुल्क टैबलेट पी0सी0 तथा इण्टर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को डिग्री कक्षाओं में प्रवेश लेने पर निःशुल्क लैपटाॅप पी0सी0 उपलब्ध कराया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि कम्प्यूटरों के वितरण के माध्यम से सरकार का उद्देश्य छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता और अभिभावक को इण्टरनेट से जोड़कर उनकी आय बढ़ाकर उनके जीवन में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र पुरोनिधानित नेशनल आॅप्टिकल फाइबर नेटवर्क को क्रियान्वित करने की स्वीकृति प्रदेश सरकार ने दी है। अगले दो वर्षों में राज्य की सभी पंचायतों में ब्राॅडबैण्ड कनेक्टिविटी इस नेटवर्क के माध्यम से हो जाएगी, जिससे सुदूर ग्रामों में भी कम्प्यूटर इण्टरनेट का उपयोग सम्भव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साक्षर भारत मिशन महिला साक्षरता को केन्द्र में रखकर काम कर रहा है। प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि 15 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में साक्षरता दर लगातार बढ़ती जाए। इसलिए राज्य सरकार ने गरीब परिवारों की बालिकाओं को शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कन्या विद्या धन योजना लागू की है। इस योजना से बालिकाएं उच्च शिक्षा पाने हेतु प्रोत्साहित होंगी। इसके अन्तर्गत गरीब बालिकाओं को शिक्षा लेने के लिए 30 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अल्पसंख्यक समुदाय की कक्षा 10 पास बालिकाओं को भी 30 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जाने वाली इन योजनाओं से साक्षरता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कार्य करने के लिए दस वर्ष का समय मिला तो उत्तर प्रदेश इस दिशा में बहुत आगे जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव में साक्षरता बढ़ाने तथा शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षा से सम्बन्धित अवस्थापना सुविधाओं को सुधारना होगा।
समारोह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश शिक्षित होगा, तो भारत में शिक्षा का प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के वक्त साक्षरता की दर बहुत कम थी, जो अब काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि पुरुष साक्षरता के मुकाबले महिला साक्षरता की दर कम है। इसलिए इस ओर ध्यान देना होगा। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पद्र्धा के लिए 100 प्रतिशत साक्षरता आवश्यक है। साक्षर भारत मिशन उन लोगों के लिए है, जो स्कूल जाने से वंचित रह गए और जो 15 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के हैं। शहरी और ग्रामीण साक्षरता में 16 प्रतिशत का अन्तर है, जिसे शीघ्र मिटाना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने होंगे और चुनौतियों का सामना करना होगा।
इस मौके पर बेसिक शिक्षा मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में सक्रिय प्रयास कर रही है।
समारोह के दौरान उप राष्ट्रपति श्री अंसारी ने सरगुजा, विजयनगरम, अजमेर की जिला लोक शिक्षा समितियों, पी0 यालेरु ग्राम पंचायत (आन्ध्र प्रदेश), कनौरा ग्राम पंचायत (उत्तराखण्ड), अट्टीगरी ग्राम पंचायत (कर्नाटक), घाघरा ग्राम पंचायत (छत्तीसगढ़) तथा हैदराबाद तथा रायपुर के राज्य संसाधन केन्द्रों तथा एस0एल0एम0ए0, हैदराबाद को साक्षर भारत पुरस्कार-2012 देकर सम्मानित किया। केन्द्रीय मंत्री श्री सिब्बल ने नवसाक्षर श्रीमती सोमवती मांझी (पश्चिम बंगाल) तथा श्रीमती परमेश्वरी देवी (बिहार) को साक्षर होने का मूल्यांकन प्रमाण पत्र प्रदान किया।
इसके पहले उप राष्ट्रपति श्री मो0 हामिद अंसारी, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव तथा केन्द्रीय मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री अंशू वैश, महानिदेशक राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण श्री जगमोहन सिंह राजू, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री सुनील कुमार तथा बड़ी संख्या में अन्य गणमान्य लोग एवं विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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