भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने आज गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित श्री गुुरू गोरखनाथ मंदिर के महन्त अवैद्यनाथ जी महाराज के जीवन एवं कृतित्व पर आधारित तीन खण्डों में प्रकाशित ग्रन्थ ’ राष्ट्रीयता के अनन्य साधकः महन्त अवेद्यनाथ ’ के लोकार्पण के अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि रामजन्मभूमि हिन्दुत्व की पहचान है। भारत में रामराज्य तभी आ सकता है जब अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का निर्माण होगा।
श्री आडवाणी ने कहा कि रामजन्म भूमि मुक्ति आन्दोलन का गोरक्षपीठ से गहरा सम्बन्ध है। महन्त अवैद्यनाथ जी महाराज ने ही रामजन्म भूमि मुक्ति संघर्ष समिति के अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व प्रदान किया था। हिन्दुत्व एवं राष्ट्रवादी किसी भी आन्दोलन में गोरक्षपीठ का योगदान आगे भी मिलता रहेगा। उन्होंने महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के शतायु होने की शुभकामना व्यक्त करते हुए यह उम्मीद व्यक्त की कि महन्त जी अपने जीवनकाल में ही रामजन्मभूमि मंदिर का निर्माण देखेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि हिन्दुत्व ही राष्ट्रीयत्व है। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भारत ही नहीं विश्व को नया विचार दिया। भारतीय राजनीति के शीर्ष पुरूष है। भाजपा उ0प्र0 के प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ देश की राजनीति में सक्रिय कार्य करने वाले संत और आडवाणी के राष्ट्रीय चिंतक है। राष्ट्र के समक्ष विद्यमान समस्याओं के निदान की क्षमता भाजपा और उसके नेता लालकृष्ण आडवाणी में है। प्रदेश महामंत्री संगठन राकेश जैन ने एकल गीत दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी प्रस्तुत किया।
विशिष्ट अतिथि विश्व हिन्दू परिषद के अंताराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने रामजन्म भूमि मुक्ति आन्दोलन और महन्त अवेद्यनाथ के सम्बन्धों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में महन्त के जीवन काल में ही राममंदिर का निर्माण अवश्य होगा।
श्री सिंघल ने आज के छद्म धर्मनिरपेक्षता के आचरण की आलोचना की। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता को धर्मविहीनता कही। हिन्दुत्व की रक्षा के बगैर राष्ट्र की रक्षा नही हो सकती।
जगत्गुरू रामनुजाचार्य स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि देश में जाति, धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर एकता में फूट डालने वाले उपकरण विद्यमान हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर के मार्ग का अनुसरण ही इस समस्या का समाधान है। जगत्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज ने कहा कि अच्छे लोंगो को देश की बागडोर सौंप दे तो देश की सभी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। डा. रामविलास वेदान्ती ने कहा कि भ्रष्टाचार का ढंाचा ढहाने की जरूरत है। दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंथ सुरेश दास ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण एकजुटता से होगा। हिन्दू संस्कृति को बचाने में महंत अवेद्यनाथ का अतुलनीय योगदान है।
आयोजन की अध्यक्षता मस्तनाथ मठ अस्थल बोहर, रोहतक हरियाणा के महंत चांदनाथ महाराज ने की। समारोह में प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश महामंत्री संगठन राकेश जैन, भरत सिम्हा, महंत गुलाबनाथ महाराज, महंत सुरेन्द्र नाथ अवधूत आदि ने भी विचार रखा। कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि एवं मंचासीन संतों ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। तदुपरान्त गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी एवं कार्यक्रम के संयोजक योगी आदित्यनाथ ने अतिथियों का परिचय, स्वागत एवं प्रस्ताविकी में कहा कि दो वर्ष के अथक परिश्रम का प्रतिफल है यह ग्रंथ। ग्रंथ में पीठाधीश्वर के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं जीवन के मिशन का उल्लेख है। उन्होंने मुख्यअतिथि आडवाणी की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने भारतीय राजनीति को नया आयाम दिया है। ग्रंथ के संपादक प्रो. सदानन्द गुप्त एवं डा. प्रदीप राव ने पुस्तक परिचय प्रस्तुत किया। योगी ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया। संपादक मण्डल को मुख्यअतिथि श्री आडवाणी ने सम्मानित किया। संचालन डा. भगवान सिंह और आभार ज्ञापन पूर्व कुलपति प्रो. यू.पी. सिंह ने किया। समारोह में पूर्व सांसद ले. जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, पंकज चैधरी, सांसद कमलेश पासवान, मेयर डा. सत्या पाण्डेय, पूर्व मेयर श्रीमती अंजु चैधरी, नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, ग्रामीण विधायक विजय बहादुर यादव, पूर्व कुलपति प्रो. राधेमोहन मिश्र, भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक लल्लन प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व कुलपति प्रो. रामअचल सिंह, क्षेत्रीय संयोजक समीर सिंह, संतराज यादव, पार्षद विजय राज जायसवाल, मीडिया प्रभारी डा0 सत्येन्द्र सिन्हा के अलावा भारी संख्या में सभ्रांतजन एवं मीडिया के प्रमुख लोग मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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