भारत के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक को फोर्ब्स एशिया की प्रतिष्ठित ‘फैब 50’ सूची में जगह दी गयी है। इस साल एचडीएफसी बैंक ने इस अभिजात्य सूची में वापसी की है और यह फोर्ब्स एशिया की फैब 50 के 2012 संस्करण में शामिल 11 भारतीय कंपनियों में से एक है। एचडीएफसी बैंक को एशिया की सबसे दमदार कंपनियों की इस सूची में लगातार पाँच वर्षों (2005 से 2010) तक जगह दी गयी थी। इस सूची में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है। चीन की 23 कंपनियों का नाम शीर्ष 50 कंपनियों की इस सूची में आया है। पिछले साल भारत की केवल 7 कंपनियाँ इस सर्वेक्षण में आ सकी थीं। फोर्ब्स एशिया की फैब 50 में कुल 50 कंपनियों में केवल 2 ही बैंक हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही बैंक भारत से हैं दृ एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक। इस साल ‘फैब 50’ की सूची उन कंपनियों के दमखम का प्रमाण है जो आर्थिक धीमेपन का सामना करके एशिया, अमेरिका और यूरोप में बढ़ोतरी जारी रख पा रही हैं। फोर्ब्स पत्रिका ने इन शीर्ष 50 कंपनियों के बारे में लिखा है, “एक धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था केवल अच्छी चल रही कंपनियों को वास्तव में महान कंपनियों से अलग करके दिखा देती है।” भारत से एचसीएल टेक्नोलॉजीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने भी इस सूची में वापस अपनी जगह बनायी है। इस साल भारतीय दवा कंपनी सन फार्मास्युटिकल्स ने इस सूची में पहली बार जगह पायी है। साल 2012 की फैब 50 सूची में शामिल अन्य भारतीय कंपनियाँ हैं दृ एशियन पेंट्स, बजाज ऑटो, भारती एयरटेल, आईटीसी, टाटा मोटर्स और टाइटन इंडस्ट्रीज। ये शीर्ष 50 कंपनियाँ उन 1295 कंपनियों की सूची में शीर्ष पर रही हैं, जिनकी कम-से-कम 3 अरब डॉलर की सालाना आमदनी या बाजार पूँजी (मार्केट कैप) है। आमदनी, मुनाफा, पूँजी पर लाभ (आरओसी), शेयर भाव की चाल और भविष्य के अनुमानों का मूल्यांकन करके फोर्ब्स एशिया की फैब 50 सूची को अंतिम रूप दिया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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