बौद्ध परिपथ के अन्तर्गत स्थलों के पर्यटन का विकास किया जाएगा

Posted on 07 September 2012 by admin

कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना कर बौद्ध परिपथ के अन्तर्गत स्थलों के पर्यटन का विकास किया जाएगा। उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण कराने हेतु प्रत्येक माह राज्य स्तर पर मुख्य सचिव, मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त तथा जनपद स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उद्योगबन्धु की बैठक पूर्ण कार्य दिवस आयोजित होगी। समस्त जनपदों में निवेश मित्र को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कराया जाएगा। उद्योगों में त्वरित विकास हेतु लागू नई औद्योगिक नीति के अन्तर्गत समस्त विभागों के शासनादेश सितम्बर माह में ही निर्गत कर दिए जाए। प्रदेश में पी0पी0पी0 के आधार पर सड़कों के निर्माण एवं अनुरक्षण की नीति बनाते हुए सड़कों के विकास हेतु शीघ्रता शीघ्र बैठक आयोजित की जाए। विकास कार्याें में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कार्य न होने पर वरिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होगी।
मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी आज अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश के विकास हेतु शासन के निर्धारित एजेण्डा-प्प् के अन्तर्गत ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, औद्योगिक विकास, आवास, लोक निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पर्यटन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्हांेने निर्देश दिए कि आगरा में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाए। उन्हांेने आगरा-लखनऊ के मध्य एक्सप्रेस वे का निर्माण तथा गाजियाबाद में नार्दन पेरीफेरल रोड के निर्माण हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट 24 घण्टे के अन्दर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। आई0टी0 एवं आई0टी0ई0एस0 उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई आई0टी0 औद्योगिक विकास नीति एवं समेकित आई0टी0 शिक्षा नीति बनाते हुए उसका प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाए।
श्री उस्मानी ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण मिशन के लक्ष्य को पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में विद्युत उपलब्धता में वृद्धि करने हेतु जवाहरपुर, अनपरा-‘डी’, हरदुआगंज विस्तार, पनकी तथा ओबरा-‘सी’ तापीय परियोजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण कराने हेतु कार्याें में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार भारत सरकार के संबंधित सचिवों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अथवा पत्राचार कर आने वाली समस्याओं का समाधान कराए। उन्हांेने विद्युत कार्याें में विलम्ब होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुनर्गठन त्वरित विद्युत विकास और सुधार कार्यक्रमों की समीक्षा सितम्बर माह के अन्त में ही की जाएगी। फीडर सेपरेशन कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि एवं ग्रामीण फीडर अलग करते हुए मीटर लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति में सुधार लाया जाए। उन्हांेने कहा कि प्रदेश समस्त उपभोक्ताओं की मीटरिंग करायी जाए तथा विद्युत पारेषण के क्षेत्र में सब-स्टेशनों तथा लाइनों का निर्माण कर क्षमता में वृद्धि करने हेतु कार्य योजना बनाई जाए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन की नीति निर्धारण करने एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु तत्काल एक प्रारूप बनाया जाए। उन्होंने कहा कि विद्युतीकरण हेतु निजी नलकूपों का लक्ष्यानुसार ऊर्जीकरण कराने हेतु कार्यांे में तेजी लायी जाए। उन्हांेने कहा कि उ0प्र0 जैव प्रौद्योगिकी नीति का निर्धारण कर इस क्षेत्र का भी विकास करने हेतु योजना यथाशीघ्र बनाई जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री माजिद अली, प्रमुख सचिव आई0टी0 श्री जीवेश नन्दन, विशेष सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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