डूडा अधिकारी द्वारा पत्रावली न उपलब्ध कराने पर जिलाधिकारी से षिकायत

Posted on 06 September 2012 by admin

ऽ    राज्य सूचना आयुक्त ने आठ दिसम्बर दो हजार ग्यारह को दिया था आदेष
थानानगर कोतवाल के निवासी  पल्टू का पुरवा इन्द्र जीत राही  ने डूडा अधिकारी पर आरोप लगाते हुए षिकायती पत्र सौंपा है कि लगभग एक वष बीत जाने के बाद भी सूचना आयंक्त के आदेष को अनदेखा करते हुए डूडाधिकारी अजय ष्षुक्ला ने मान्यवर काषीराम ष्षहरी आवास योजना के तहत निर्मित 1500 आवासों के आवंटन में व्यापक पैमाने पर पर धांधली कह गई जिसके अवलोकानार्थ लगभग 200 पत्रावलियों का उपलब्ध नही करवाया है , इन 200 चिन्हित पत्रावलियों   में डूडाधिकारी द्वारा छेड़-छा़ड़ की आषंका व्यक्त की है।  श्री राही ने  जिलाधिकारी को दिए गये षिकायती पत्र में कहा है  डूडा कार्यालय का बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी आज तक मांगी गई पत्रवलियों अवलोकनार्थ नहीं दी जा रही है। ज्ञात हो कि पूर्व में श्री राही ने मा0 काषीराम ष्षहरी गरीब आवास योजना के आबंटन में में घांधली का आरोप लगाया था कि अपात्र लोगों का कालोनियों का आवंटन किया गया है। कालोनियों पर  अपना अधिकार जमाये लगभग 80 प्रतिषत लोग फर्जी राषनकार्ड लगा कर कालोनी हथिया ली है।  तब तत्कालीन जिलाधिकारी पिंकी जोवेल ने कुछ चिन्हित मकानों की जाॅच करवायी थी। जिसमें लगभग 35 मकानों को गलत आवंटन पाया था और जिसे निरस्त करते हुए आदेष दिया था कि इन मकानों को खाली करवाकर पात्र व्यक्तियों को आवास आवंटित करे। परन्तु लगभग एक सील बीत जाने के बाद भी न तो वे आवास खाली हुए और न ही पात्र व्यक्तियों का आवास उपलब्ध करवाये गये। गरीब बेचारे आज भी अपनी फाईल लिए डूडा कार्यालय के चक्कर लगाते दिख जायेगे।  जिनकी कोई सुनवाई नहीं है। षिकायती पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी से अनुरोध करते हुए श्री राही ने मांग की है कि माननीय राज्य सूचना आयुक्त के आदेष 08 दिसम्बर के अनुपालन को सुनिष्चित कराते हुए न उपलब्ध कराई गई लगीाग 200 पत्रावलियों के अवलोकनार्थ उपलब्ध कराने के लिए विधिक कार्यवाही करे तथा मांग के अनुसार ष्षेष पत्रावलियाॅ ष्षीर्घ उपलब्ध करवाने का आदेष  डूडा अधिकारी को दें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in