समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्दीय मंत्रिमण्डल सरकार द्वारा प्रोन्नति में ं आरक्षण लागू करने को मंजूरी देना अनुचित और सामाजिक न्याय के सिद्वान्त के सर्वथा विपरीत है। सर्वोच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल,2012 के अपने फैसले में उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के आदेशों को असंवैधानिक करार दिया था। इसको संविधान संशोधन द्वारा पलटने की तैयारी के गम्भीर परिणाम होगें।
समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध करती रही है। श्री मुलायम सिंह यादव ने केन्द्र सरकार को इस सम्बन्ध में चेताया था कि वह सामाजिक विषमता और असंतोष को बढ़ाने का काम न करें। प्रोन्नति में आरक्षण से जहाॅ प्रशासनतंत्र में शिथिलता आएगी वहीं सामाजिक सद्भाव पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इससे सामान्य व पिछड़े वर्गो के कार्मिकों का मनोबल गिरेगा और वे संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार से वंचित हो जाएगें। सरकारी सेवाओं में ज्येष्ठता एवं श्रेष्ठता को दरकिनार करना अनुचित होगा।
केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण को लागू करने के लिए संविधान संषोधन करने के फैसले पर समाजवादी पार्टी अपनी असहमति व्यक्त करती है। ऐसे किसी भी प्रयास का संसद में तथा बाहर पुरजोर विरोध किया जाएगा। समाजवादी पार्टी धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और वह सामाजिक समरसता तथा संविधान के मूल ढांचे से छेड़़छाड़़ को राष्ट्रहित में नहीं मानती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com