Categorized | कृषि, लखनऊ.

अब आम की खुशबू और लीची की मिठास घुलेगी पूर्वांचल में

Posted on 03 September 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में फलों के उत्पादन की सम्भावनाओं को देखते हुए प्रादेशिक स्तर पर गुणवत्ता जागरूकता हेतु प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आगामी 04 सितम्बर, 2012 को गोरखपुर क्लब, गोरखपुर में औद्यानिक गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, मंत्री श्री राजकिशोर सिंह द्वारा पूर्वान्ह 10.00 बजे इसका शुभारम्भ किया जायेगा। गोष्ठी में प्रदेश के गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन, फैजाबाद, आजमगढ़ तथा वाराणसी मण्डल के प्रत्येक जनपद से एक-एक प्रगतिशील किसान को उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। इसी के साथ-साथ इस अवसर पर प्रकाशित की जा रही ‘‘पूर्वांचल में फलोत्पादन की सम्भावनाएं’’ शीर्षक से स्मारिका का विमोचन भी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री द्वारा किया जायेगा।
इस अवसर पर आमंत्रित उद्यानपतियों को गोष्ठी आयोजन के उद्देश्य पर श्री राजन शुक्ला, सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उद्बोधित करेंगे। इसी के साथ प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर की विभिन्न औद्यानिक शोध संस्थानों तथा विभागीय वैज्ञानिकों/अधिकारियों के मध्य सम्य्क विचारोपरान्त प्रदेश के पूर्वांचल में औद्यानिकी के विकास के विभिन्न आयाम तलाशे जायेंगे। गोष्ठी के उद्घाटन सत्र मंे विशेष रूप से प्रदेश सरकार का औद्यानिक विकास दृष्टिकोण एवं बागवानों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग श्री ओ0एन0सिंह द्वारा प्रकाश डाला जायेगा। इसके  अलावा  पूर्वांचल में  फलों के  उत्पादन की  सम्भावनाओं की पृष्ठभूमि पर डा0 राघवेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी, राज्य औद्यानिक मिशन, उत्तर प्रदेश चर्चा करेंगें।
गोष्ठी के तकनीकी सत्र में विशेष तौर पर आम का सफल उत्पादन, प्रबन्धन एवं कैनोपी मैनेजमेन्ट तथा पूर्वांचल में आम की गौरजीत प्रजाति के विकास की सम्भावनाओं की जानकारी देने के लिए केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिक, डा0 दुष्यन्त मिश्रा को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा इसी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक, डा0 वी0के0सिंह, आम की सघन बागवानी एवं निरन्तर फलन हेतु आवश्यक क्रियाएं तथा फलोत्पादन में प्लास्टिक मल्चिंग की उपयोगिता पर अपने विचार रखेंगे।
प्रदेश के पूर्वांचल में औद्यानिक विकास के अन्तर्गत लीची के बेहतर उत्पादन हेतु राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर, बिहार के निदेशक, डा0 विशाल नाथ तथा प्रधान वैज्ञानिक डा0 शेषधर पाण्डेय अपने विचार व्यक्त करेंगे। आम, अमरूद, केला एवं लीची की बागवानी में एकीकृत नाशी-जीव प्रबन्धन पर डा0 अशरफ हुसैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद बतायेंगे तथा बागवानी में टपक सिंचाई की योजना पर चन्द्रशेखर आजाद, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के पूर्व कृषि अधिष्ठाता डा0 ए0एन0तिवारी चर्चा करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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