उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि जे0ई0/ए0ई0एस0 प्रभावित जनपदों के गांवों में किसी बच्चे की बीमारी की सूचना प्राप्त होने के तत्काल बाद उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी या समतुल्य स्तर अधिकारी सम्बन्धित गांव जाकर आवश्यक उपचार की व्यवस्था कराते हुए आवश्यकतानुरूप बीमारी की रोकथाम के लिए समुचित उपाय सुनिश्चित करायें, ताकि भविष्य में कोई भी बच्चा जे0ई0/ए0ई0एस0 रोग से प्रभावित न हो सके। गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के प्रत्येक संवेदनशील सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आगामी 15 नवम्बर तक एक-एक क्रियाशील एम्बुलेन्स की व्यवस्था सुनिश्चित करा दी जाए। जिला चिकित्सालयों के 10-10 आई0सी0यू0 वेटेड वार्ड हेतु 102 वेन्टीलेटर क्रय करने के कार्य मंे तेजी लायी जाए। बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज, गोरखपुर में स्वीकृत 1200 लाख रूपये की धनराशि से निर्माणाधीन 100 वेन्टीलेटर वार्ड का कार्य गुणवत्ता के साथ आगामी दिसम्बर माह तक अवश्य पूर्ण करा लिया जाए। जे0ई0/ए0ई0एस0 प्रभावित 20 जनपदों में रिबोरिंग हेतु निर्धारित 13950 हैण्डपम्पों में से विगत जुलाई माह तक मात्र 9367 हैण्डपम्पों का रिबोरिंग होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अवशेष हैण्डपम्पों के रिबोरिंग का कार्य यथाशीघ्र अवश्य पूर्ण करा लिया जाए। बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज, गोरखपुर में 100 शैय्यायुक्त जे0ई0 वार्ड का निर्माण, पीडियाट्रिक वैन्टीलेटर की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए।
मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मनी आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय सभागार में जे0ई0/ए0ई0एस0 रोग के रोकथाम हेतु आहूत अन्तर्विभागीय समन्वय समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गोरखपुर और बस्ती मण्डल के 07 जनपदों में जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में बैक्टीरियोलाजिकल एवं रासायनिक जांच की व्यवस्था होने के साथ-साथ प्रदेश में पेयजल की बायोलाॅजिकल जांच हेतु गोरखपुर की जनपदीय जल परीक्षण प्रयोगशाला तथा जनपद लखनऊ की केन्द्रीय प्रयोगशाला का उच्चीकरण का कार्य भी यथाशीघ्र पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने जे0ई0/ए0ई0एस0 प्रभावित जनपदों में निर्मल ग्राम योजना के अन्तर्गत निर्मित होने वाले 7012 शौचालयों का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज, गोरखपुर में बढ़ती रोगियों की संख्या कम करने के उद्देश्य से गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के सातो जनपदों, बहराइच एवं लखीमपुर के जिला चिकित्सालयों एवं ओपेक चिकित्सालय कैली बस्ती में 10 शैय्यायुक्त आई0सी0यू0 वार्ड का कार्य पूर्ण करा लिया गया है, पीडियाट्रिक वैन्टीलेटर्स की स्थापना भी अतिशीघ्र करा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि रोगियों के त्वरित उपचार हेतु गोरखपुर एवं बस्ती मण्डलों के समस्त जनपदों के जिला चिकित्सालयों, संयुक्त चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात 156 बाल रोग विशेषज्ञों को आगामी 15 नवम्बर तक तैनात रखा जाए।
श्री उस्मानी ने प्रमुख सचिव पशुधन को निर्देश दिए कि जे0ई0/ए0ई0एस0 बीमारी की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु गांवों के स्थायी जलाशयांे में लार्वाभक्षी मछलियों के पालन की स्थिति का नियमित अनुश्रवण कराया जाए। उन्होंने बताया कि बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज, गोरखपुर को अतिरिक्त चिकित्सीय, पराचिकित्सीय एवं अन्य मानव संसाधन की व्यवस्था हेतु 240.80 लाख रूपये की धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज, गोरखपुर में डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ की सीटें 03 से बढ़ाकर 10 कर दी गयी हैं। दो वर्ष पश्चात प्रदेश को जे0ई0/ए0ई0एस0 प्रभावित क्षेत्रों में 10 बाल रोग विशेषज्ञ प्राप्त हो जायेंगे।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि जे0ई0/ए0ई0एस0 की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जनसामान्य उपचार एवं बचाव उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु लगभग एक करोड़ ’’क्या करें एवं क्या न करें’’ संदेश पत्रों का वितरण कराते हुए प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के साथ-साथ 5178 मास्टर ट्रेनर्स एवं टेªनर्स भी प्रशिक्षित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नेशलन इंस्टीट्यूट आॅफ मलेरिया रिसर्च, बैंगलूरू (आई0सी0एम0आर0) द्वारा 20 हजार गर्भवती गम्बूसिया लार्वाभक्षी मछलियां गोरखपुर, देवरिया के विभिन्न जलाशयों में पालित करायी गयी हैं, जो शीघ्र ही 10 लाख गम्बूसिया बच्चे प्रति माह प्रजनित करेंगी। उन्होंने बताया कि निरोधात्मक कार्यवाही हेतु प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत स्तर तक फाॅगिंग मशीन एवं कीटनाशक रोग वाहक मच्छर के लिए उपलब्ध करा दी गयी है। उन्हांेने बताया कि छिछले हैण्डपम्पों को लाल रंग से क्रास करवाकर जनजागरण से इन हैण्डपम्पों के जल को पीने हेतु प्रयोग न करने का संदेश प्रसारित कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि समस्त उपचार के अन्तर्गत फीवर क्लीनिक द्वारा तेज बुखार से ग्रसित बच्चों के उपचार का निरन्तर अनुश्रवण कराया जा रहा है तथा आशा ए0एन0एम0 एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से फीवर ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक तेज बुखार से ग्रसित बच्चों को ए0ई0एस0/जे0ई0 का रोगी मानकर तुरन्त विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज कराते हुए ऐसे बच्चों का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव पशुधन एवं मत्स्य श्री योगेश कुमार, सचिव वित्त श्री एम0 देवराज सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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