देश के अति पिछड़े क्षेत्र बुन्देलखण्ड में लगभग 975 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। इस क्षेत्र के मिर्चवारा (जनपद ललितपुर) में 1980 मेगावाट विद्युत यूनिट उत्पादन का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है एवं भारत सरकार द्वारा 4000 मेगावाट विद्युत उत्पादन केन्द्र जनपद टीकमगढ़ में स्थापित किये जाने पर कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार निकट भविष्य में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लगभग 7000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्राप्त होने लगेगा। वर्तमान में बुन्देलखण्ड में उत्पादित हो रही विद्युत को पहले नेशनल ग्रिड में भेजा जाता है जहाँ से फिर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश को दी जाती है। तदोपरान्त प्रदेश सरकार अपनी मर्जी से फैसला करती हैं कि किन जिलों को कितनी विद्युत आपूर्ति की जानी है।
पारीछा थर्मल पावर में लगभग 900 मेगावाट विद्युत का उत्पादन पूरी क्षमता से किया जा रहा है, जो बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिये अच्छा संकेत है। जब भी पारीछा थर्मल पावर में विद्युत उत्पादन किसी कारण से बाधित होता है तो सबसे पहले बुन्देलखण्ड क्षेत्र खास कर झाँसी की विद्युत आपूर्ति ठप्प कर दी जाती है, और जब पारीछा थर्मल पावर अपनी पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन करता है तब भी इस क्षेत्र को मात्र 14-15 घण्टे विद्युत आपूर्ति प्राप्त होती है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन यूनिट स्थापित करने से पूर्व किये जाने वाले डण्व्ण्न्ण् में यह स्पष्ट किया जाता है कि उत्पादित होने वाली विद्युत में से सम्बन्धित राज्य को कितनी विद्युत प्राप्त होगी। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड में उत्पादित की जा रही कुल विद्युत का उत्तर प्रदेश के 7 जिलों को यदि एक चैथाई भाग भी (260 मेगावाट) प्राप्त हो जाये तो हमें 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति प्राप्त हो सकेगी व उत्तर प्रदेश के 7 जिलों एवं मध्य प्रदेश के 6 जिलों को बुन्देलखण्ड में उत्पादित होने वाली विद्युत का आधे से कम भाग (480 मेगावाट) प्राप्त होेने लगे तो अखण्ड बुन्देलखण्ड को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति प्राप्त होने लगेगी जिससे अनेक उद्योगपति इस क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिये आकर्षित होंगे।
विद्युत उत्पादन पर होने वाले प्रदूषण को झेलता बुन्देलखण्ड क्षेत्र है और 24 घण्टे विद्युत मिलती है सैफई, इटावा, अकबरपुर, लखनऊ आदि जनपदों को। पठार पर बसे बुन्देलखण्ड के साथ विद्युत आपूर्ति मंे किया जाने वाला सौतेला व्यवहार तुरन्त बन्द होना चाहिये।
आपसे आग्रह है कि बुन्देलखण्ड को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिये इस क्षेत्र मंे उत्पादित होने वाली विद्युत मंे से आधी विद्युत इस क्षेत्र को दिलाये जाने की कृपा की जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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