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बिजली की कमी के दृष्टिगत् राज्य सरकार ने अब सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मुद्दे को उठाया है

Posted on 31 August 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के निरन्तर प्रयासों के बावजूद जारी बिजली की कमी के दृष्टिगत् राज्य सरकार ने अब सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मुद्दे को उठाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लि. (बी.एच.इ.एल.) द्वारा विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी तथा हरदुआगंज विस्तार तापीय विद्युत उत्पादन परियोजना की 660 मेगावाट की इकाई को कोयला आवंटन में बिलम्ब पर चिन्ता व्यक्त करते हुए दो पत्र लिखे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है कि वे इस संबंध में भारी उद्योग मंत्रालय एवं कोयला मंत्रालय को निर्देशित करें कि उक्त मंत्रालय कार्य को अविलम्ब पूरा कर बिजली कमी से निपटने में राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग करें। क्योंकि विद्युत आपूर्ति न केवल जनसामान्य की मूलभूत जरूरत है अपितु प्रदेश के विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री को प्रेषित अपने पत्र में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इंगित किया है कि 500 मेगावाट हरदुआगंज विस्तार; 500 मेगावाट पारीछा विस्तार; तथा 1000 मेगावाट अनपारा-डी परियोजनाओं के विकास में बी.एच.इ.एल. द्वारा अत्यधिक विलम्ब किया जा रहा है। विशेष रूप से अनपारा-डी (1000 मेवा) तापीय विद्युत परियोजना, जिसको जुलाई 2011 में ही पूर्ण हो जाना चाहिए था, अब तक पूरी नहीं हुई है। इन सभी परियोजनाओं को  भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लि. (बी.एच.इ.एल.) को एकल आॅफर के आधार पर निर्माण करने को सौंपा गया था।
पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसी प्रकार ओबरा-बी की 200 मेवा प्रत्येक की पाँच इकाइयों, 100 मेवा की ओबरा की 7वीं इकाई, 110 मेवा की हरदुआगंज की 7वीं इकाई को नवीनीकरण व आधुनिकीकरण का काम भी को भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लि. (बी.एच.इ.एल.) को करना था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। खासतौर से ओबरा की 200-200 मेगावाट तीन इकाइयों की क्षमता वृद्धि और नवीनीकरण का काम जो वर्ष 2008 में पूरा हो जाना चाहिए था, बी.एच.इ.एल द्वारा अभी तक पूर्ण नहीं किया गया है।
इस विषय में इसी वर्ष जुलाई में प्रधानमंत्री कार्यालय में सचिव स्तर की बैठक का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि इस बैठक में राज्य के मुख्यसचिव व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने इन परियोजनाओं में तकजी लाने का अनुरोध किया था किन्तु अब तक किए गए प्रयासों से परियोजनाओं में कोई उल्लेखनीय प्रगति परिलक्षित नहीं होती है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आगे कहा गया है कि हरदुआगंज तापीय विद्युत परियोजना की इकाई सं. 8 व 9 (प्रत्येक 250 मेवा) तथा 250 मेवा की पारीछा की छठी इकाई का कार्य अब अंतिम चरण में है। यदि बी.एच.इ.एल. इन परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा कर दे तो प्रदेश को एक माह के भीतर ही 750 मेगावाट अतिरिक्त बिजली प्राप्त हो सकती है।
एक अन्य पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य क्षेत्र में विकसित किये जाने वाली 660 मेगावाट की एक इकाई को शीघ्र कोयला आंवटन करने के लिए कोयला मंत्रालय को निर्देशित करें, जिससे इस परियोजना को पर्यावरण विभाग की अनापत्ति मिल सके और क्रियान्वयन भी शुरू किया जा सके। इस संबंध में उ.प्र. राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. ने कोयला आवंटन के लिए तीन वर्ष पहले 2009 में आवेदन किया था तथा इस विषय को कोयला मंत्रालय एवं केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से कई बार अनुरोध किया जा चुका है किन्तु कोई लाभ नहीं हुआ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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