उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा वितरित की जाने वाली पूर्व दशम् छात्रवृत्ति की धनराशि को सीधे पात्र छात्रध्छात्राओं के बैंक खाते में अंतरित किये जाने के निर्णय को लेकर शिक्षण संस्थाओं खासकर मदरसों में जो भ्रम की स्थिति है उसे दूर करने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण एवं नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खां ने स्पष्ट किया है कि इस छात्रवृत्ति के वितरण में पारदर्शिता लाने तथा समूची धनराशि को सीधे पात्र लाभार्थियों तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार को बराबर शिकायतें मिलती रहीं हैं कि छात्रवृत्ति की पूरी धनराशि लाभार्थियों को नहीं मिल रही है और बीच में ही इसे पूरा का पूरा या इसका कुछ हिस्सा बिचैलिए हड़प रहे हैं। इन शिकायतों के मद्देनजर सरकार को मजबूरन यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की यह छात्रवृत्ति शिक्षा निधिध्शिक्षा समितियों या विद्यालयों के माध्यम से वितरित करने के बजाय सीधे छात्रध्छात्राओं द्वारा बैंकों की सी.बी.एस. ब्रांचों में खोले गए खातों में अंतरित की जाएगी। शिक्षण संस्थाओं व मदरसों की यह आपत्ति कि अन्य कल्याणकारी विभागों में ऐसी व्यवस्था नहीं अपनाई गई है, इस पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि बेहतरी की दिशा में विभाग द्वारा की गयी यह एक नवीन पहल है और देर-सवेर हर विभाग को इसे अपनाना होगा, ताकि छात्रवृत्तियों के वितरण में तेज़ी से पनप रहे भ्रष्टाचार व इसमें बिचैलियों की भूमिका को हमेशा-हमेशा के लिए जड़ से खत्म किया जा सके।
इस मसले पर भ्रम फैला रहे शिक्षण संस्थानों व मदरसों को आड़े हाथों लेते हुए श्री आज़म खां ने कहा कि जिस तरह से अध्यापकध्अध्यापिकाओं का वेतन बच्चे नहीं ले सकते हैं, उसी प्रकार शिक्षण संस्थाएं छात्रध्छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में अपना हिस्सा नहीं बंटा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस गन्दगी को साफ़ करने के लिए विभाग द्वारा आधुनिकतम तकनीक का यथेष्टतम इस्तेमाल करते हुए यह नवीन पहल की गयी है और बैंकों की सी.बी.एस. ब्रांचों में छात्रध्छात्राओं के खाते खुलवाए जा रहे हैं जिससे कि छात्रवृत्ति की धनराशि सीधे उनके खातों में अंतरित हो सके और वे किसी बंदरबांट के बिना अपना पूरा पैसा अपनी शिक्षा पर खर्च कर सकें।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत छात्र-छात्राओं के बैंक खाते खुलवाने की तिथि को अब बढ़ाकर आगामी 15 सितम्बर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को शासन ने निर्देश दिये हैं कि यह खाते केवल राष्ट्रीयकृत बैंकों की सी0बी0एस0 शाखाओं में खोले जायें और यह कार्य हर हाल में निर्धारित तिथि तक पूरा कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि बच्चों के खाते खुलवाते समय उनके अभिभावक या स्वयं बच्चों का तथा स्कूल के प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या का मोबाइल नम्बर बैंक में अवश्य दर्ज कराया जाये ताकि उनके खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि अंतरित होने पर उन्हें तुरन्त सूचना मिल जाये।
श्री खान ने बताया कि यह खाते जिला को-आॅपरेटिव बैंक की उन ब्रान्चों में भी खोले जा सकते हैं जो शीघ्र ही सी0बी0एस0 प्रणाली को अपनाने जा रहे हैं। जिला सहकारी बैंक की ये शाखायें लखीमपुर खीरी, इटावा, उरई, फिरोज़ाबाद, मथुरा, मेरठ, बुलन्दशहर, सहारनपुर, मुज़फ़्फरनगर, गाजि़याबाद, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाॅपुर, मुरादाबाद, रामपुर व बदायूॅ जि़लों में कार्यरत हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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