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माननीय मुख्यमंत्री जी से हस्तक्षेप की माँग

Posted on 29 August 2012 by admin

  • घटिया ट्राँसफार्मरों पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें दिया जा रहा संरक्षण पावर कार्पोरेशन को मा0 मुख्यमंत्री/नियामक आयोग के आदेशों की परवाह नहीं
  • राजस्थान सरकार से सीख ले उत्तर प्रदेश सरकार

उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की आज एक आवश्यक बैठक उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें पावर सेक्टर में खराब गुणवत्ता के ट्रान्सफार्मरों की आपूर्ति करने वाली फर्मों के खिलाफ पावर कारपोरेशन द्वारा न की जा रही कार्यवाही के सम्बन्ध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
अध्यक्षता करते हुए उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अनेकों बार की गई घोषणा के बावजूद भी घटिया ट्रान्सफार्मर कम्पनियों को ब्लैक लिस्ट करने के बजाय उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है।  माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पावर कार्पोरेशन को अनेकों बार सख्त निर्देश दिये गये कि घटिया ट्रान्सफार्मर कम्पनियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए, साथ ही उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा सभी बिजली कम्पनियों से दो हफ्ते में पिछले दो सालों की कुल क्रय किये गये परिवर्तकों की संख्या तथा गारंटी अवधि में जले परिवर्तकों की संख्या की पूरी रिपोर्ट दि0 27.08.2012 तक मांगी गई थी, परन्तु बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि केस्को को छोड़कर अन्य सभी बिजली कम्पनियाँ अपनी उदासीनता के चलते कोई भी रिपोर्ट नियामक आयोग को नहीं दी गई है।  आयोग द्वारा पुनः सभी से 3 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।  इसी तरह पावर कार्पोरेशन द्वारा 2 मीटर कम्पनियों की शिकायत के आधार पर आई0आई0टी0, कानपुर से भी कुछ तकनीकी बिन्दुओं पर जाँच करायी गई थी, जिसमें भी बड़े पैमाने पर कमियाँ निकली थीं, की भी रिपोर्ट आयोग द्वारा मांगी गयी, जिसे पावर कार्पोरेशन ने अभी तक नहीं सौंपा।  इन सब कार्यवाहियों से स्वतः प्रतीत होता है कि पावर कार्पोरेशन सहित बिजली कम्पनियों को माननीय मुख्यमंत्री महोदय सहित आयोग के आदेशों की कोई भी चिन्ता नहीं है, जो अपने आप में बहुत ही गम्भीर मामला है।  उपभोक्ता परिषद माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मांग करता है कि घटिया ट्रांसफार्मरों व घटिया मीटर कम्पनियों पर कार्यवाही कराने के लिए पहले उन उच्चाधिकारियों पर कार्यवाही करायी जानी चाहिए, जो येन-केन प्रकारेण घटिया ट्रांसफार्मर कम्पनियों को ब्लैक लिस्ट करने के बजाय उन्हें संरक्षण देने पर आमादा हैं।  यह कितने चिन्ता का विषय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अनेकों बार सार्वजनिक तौर पर घटिया ट्रांसफार्मरों के खिलाफ कार्यवाही की बात की गयी, परन्तु बिजली कम्पनियों के उच्चाधिकारियों द्वारा हर मीटिंग में यह कहकर मामले को दबा दिया जाता है कि रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है, जल्द ही कार्यवाही की जायेगी।  उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्थान सरकार से प्रेरणा लेना चाहिए, जहाँ पर उनके मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगभग 12 ट्रांसफार्मर कम्पनियों को 3 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश की भी कम्पनी शामिल है, ओर साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया, परन्तु उत्तर प्रदेश में कुछ उच्चाधिकारी माननीय मुख्यमंत्री महोदय के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जो अपने आपमें उच्च स्तरीय जाँच का भी मामला बनता है।
बैठक में ंप्रमुख रूप से सर्वश्री ओम प्रकाश, आशाराम प्रजापति, माया राम, रंजीत, सुनील कुमार वर्मा, महेश अग्रवाल, रवीचन्द्र, सहित अनेकों पदाधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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