राजधानी के एक हिन्दी दैनिक में ‘‘बिना जाँच हो जायेगा 56 करोड़ का भुगतान’’ शीर्षक से आज प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुये प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने विभागीय प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर पूछा है कि किन कारणों से नगर आयुक्त, लखनऊ द्वारा जे0एन0एन0यू0आर0एम0 से जुड़े घोटाले के तहत जल निगम की धनराशि को रोका गया था और अब किन कारणों से इस धनराशि को उनके (नगर आयुक्त) द्वारा जारी किया जा रहा है, जबकि इस धनराशि से जुड़े घोटाले को लेकर देश-विदेश में ख़बर छपी थी, जिसके फलस्वरूप लखनऊ के नगर आयुक्त की एक अच्छी छवि उभर कर सामने आयी थी और विभाग की बेइमानी उजागर हुयी थी।
अपने पत्र में नगर विकास मंत्री ने इस धनराशि को जारी किये जाने की ख़बर को पढ़कर हैरत जताते हुये विभागीय प्रमुख सचिव से जानना चाहा है कि घोटाले की इस धनराशि को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचे बिना यह धनराशि क्यों जारी की गयी और धनराशि रोकने से लेकर इसे जारी होने तक सरकार और विभाग की जो बदनामी हुयी है उसके लिये कौन जि़म्मेदार है। उन्होंने तीन दिनों के भीतर इस पत्र के उत्तर की अपेक्षा विभागीय प्रमुख सचिव से की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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