बागपत जनपद को एनसीआर क्षेत्र योजना 2021 में शामिल करने तथा विकास के संबंध में नेशनल केपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड (एनसीआर प्लानिंग बोर्ड) ने कहा है कि उसे अब तक बागपत-बड़ौत क्षेत्र के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोई भी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाएं विशेषतः सीवेज तथा जल क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को नहीं दी है। यह बागपत जनपद के विकास के प्रति राज्य सरकार का सुस्त रवैया दर्शाता है।
इस मामले पर नागर विमानन मंत्री चै. अजित सिंह ने चिंता जताते हुए पिछले माह शहरी विकास मंत्री श्री कमल नाथ तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को पत्र लिकखर बागपत जनपद को एनसीआर क्षेत्र योजना 2021 में शामिल करने की मांग की थी। बोर्ड ने बागपत-बड़ौत को क्षेत्रीय केन्द्र के लिए चिन्हित किया है और इसे उन्नत औद्योगिक तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों एवं उच्चतर प्रकार के सेवा कार्यों के लिए प्रस्तावित किया है।
बोर्ड की मेम्बर सेक्रेटरी श्रीमती नैनी जयसीलन ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी को दिनांक 16 अगस्त 2012 को पत्र लिखकर कहा है कि प्लानिंग बोर्ड ने उत्तर प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के लिए कुल ऋण का केवल 12 प्रतिशत ऋण प्रदान किया है जबकि एनसीआर में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 32 प्रतिशत है।
प्लानिंग बोर्ड अपने क्षेत्र में आने वाली बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाओं के लिए विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों/राज्य सरकार को परियोजना लागत का 75 प्रतिशत तक का ऋण अनुदान प्रदान करता है। इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने बोर्ड को विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी है।
चै. अजित सिंह ने कहा कि जनपद बागपत दिल्ली से 30 किमी की दूरी पर स्थित है तथा भौगोलिक संरचना के अलावा यह आर्थिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली के नजदीक स्थित होने के कारण यह जनपद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय/राजकीय संस्थानों/संगठनों के लिए महत्वपूर्ण वैकल्पिक स्थान ले सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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