नागरिक सुरक्षा संगठन को और शसक्त बनाने का प्रयास किया जायेगा -दुर्गा प्रसाद यादव
प्रदेश के 15 सुभेद्य नगरों में नागरिक सुरक्षा संगठन की 17 इकाइयां स्थापित हैं जन सेवा की दृृष्टि से यह प्रदेश का महत्वपूर्ण विभाग है इसके के पदाधिकारी बिना किसी लालच/मानदेय या प्रोत्साहन राशि के, किसी भी दैवी आपदा में जन सेवा को तैयार रहते हैं, और जनता की निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं।
यह बात कल बापू भवन स्थित सभागर में नागरिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए स्टाम्प, पंजीयन, न्यायालय शुल्क एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने कही। उन्होंने कहा कि 17 नागरिक सुरक्षा इकाइयों के कुशल संचालन का दायित्व जिलाधिकारी को सौपाॅं गया है। उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा की गति विधियों को संचालित करने हेतु 99734 स्वयं सेवक कार्यरत है। प्रत्येक नागरिक सुरक्षा नगर में दो लाख की आबादी पर एक नागरिक सुरक्षा प्रखण्ड, 20 हजार की जनसंख्या पर एक वार्डन पोस्ट तथा प्रत्येक 4000 की आबादी पर एक सेक्टर स्थातिप हंै। उन्होंने कहा कि संगठन से जुड़े अवैतनिक पदाधिकारी कर्मठ एवं सभ्रांत नागरिक होते हैं जो आपत काल के समय निष्काम भाव से लोगों की सहायता करते हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा के पदाधिकारी औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन को बनाये रखने, आपदा के समय जनता का मनोबल बनाये रखने तथा उससे बचाव एवं राहत के कार्य, सफाई अभियान, पल्सपोलियोे एवं प्रदूषण मुक्त अभियान, आगजनी में सहायता, रक्तदान शिविर में बढ़चढ़ कर भाग लेने तथा गम्भीर घटनाओं, दुर्घटनाओं में सहायता आदि के कार्य करते हैं।
श्री यादव ने कहा कि विभाग को और सुदृढ़, मजबूत तथा अन्य नगरों में इसके विस्तार हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के विस्तार हेतु भारत सरकार से धनावंटन हेतु किसी अधिकारी को नामित कर दिया जाये। इस हेतु शीघ्र एक प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाये। उन्होंने कहा कि संगठन में आपदा के समय उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों को प्रोत्साहन धनराशि/पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किये जाने पर भी विचार किया जा रहा। उन्होंने कम संसाधन में पदाधिकारियों द्वारा निःस्वार्थ भाव से अच्छे कार्य करने की सराहना की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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