प्रदेश के सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि उनके जनपद में संचालित समस्त सरकारी/गैर सरकारी, माध्यमिक विद्यालयों में तम्बाकू , बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान आदि का सेवन नहीं किया जायेगा। इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
इस संबंध में जारी परिपत्र में कहा गया है कि तम्बाकू उपभोग में अग्रणी भूमिका में होने के कारण उत्तर प्रदेश के युवाओं में कैंसर, हृदयाघात एवं श्वसन संबंधी बीमारियां महामारी के स्तर पर पहंुच चुकी हैं। तम्बाकू, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों के उपभोग स्तर में कोई कमी नहीं आ पा रही है। इस स्थिति से निपटने के लिये माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को तम्बाकू द्वारा शरीर में होने वाले कुप्रभावों से अवगत कराया जाये।
सभी विद्यालयों के वाहर मुख्यद्वार के पास एक बोर्ड लगाया जाये जिस पर ‘‘तम्बाकू मुक्त विद्यालय’’ प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाये। इसके साथ ही विद्यालय के सभी प्रमुख स्थानों पर ‘‘तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा पान आदि का सेवन दण्डनीय अपराध’’ का बोर्ड भी लगाया जाये। विद्यालय में शिक्षक/छात्र/कर्मचारी/आगन्तुक कोई भी तम्बाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे।
जारी परिपत्र में यह भी निर्देश दिये गये हैं कि विद्यालय में एक तम्बाकू निषेध कमेटी का गठन किया जाये जिसमें शिक्षक/छात्र एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि को शामिल किया जाये तथा शिक्षण संस्थाओं में तम्बाकू नियंत्रण पर कार्यशालायें भी आमंत्रित की जायें। विद्यालयों में अभिभावक, टीचर्स, एशोसिएशन की बैठक में तम्बाकू एवं उसके विभिन्न उत्पादों के निषेध पर चर्चा की जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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