भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार से तीखा सवाल करते हुए पूछा कि क्या प्रदेश सरकार तभी सक्रिय होती है जब माननीय उच्च न्यायालय की फटकार पड़ती है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने आरोप लगाया कि सपा सरकार की निष्क्रियता का आलम यह है कि माननीय उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने एन.आर.एच.एम. घोटाले के आरोपियों पर अभियोजन स्वीकृति न दिये जाने के मामले मे प्रमुख सचिव स्वास्थ को तलब करना पड़ा । डा0 मिश्र ने कहा कि इसी तरह अलविदा जुमा की नमाज के दिन लखनऊ में अराजक तत्वों द्वारा अफरा-तफरी तथा दंगाई स्थिति पैदा करने तथा अब तक अराजक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही न होने पर पुनः माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को लताड़ा है। एन.आर.एच.एम. घोटाले के आरोपी जेल गए प्रदीप शुक्ल को निलम्बित करने के बजाय पुनः ज्वाइन कराने पर भी हाईकोर्ट ने जवाब तलब के बाद ही अनन-फानन मे सरकार ने प्रदीप शुक्ला के निलंबन की पुष्ठि की।
डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि इसी लीपापोती के कारण माननीय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एन.आर.एच.एम. घोटाले में कुछ निर्दोष फंस गये है। सपा, बसपा और कांग्रेस मिलजुल कर सी0बी0आई0 से इस घोटाले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ घोषणाओं के स्वप्न में प्रदेश की जनता को भ्रमित कर जनसमस्याओं के मूल मुद्दे से ध्यान हटाना चाहती है। पूरे प्रदेश मे अलविदा की नमाज के दिन हुई हिंसा पर मात्र बयान देकर सरकार अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री मान रही है। इस हिंसा में शामिल अपराधिक एवं उग्रवादी सम्प्रदायिक तत्वों की पहचान कर सलाखों के पीछे भेजने व कड़ाई से दण्डि़त के बजाय मात्र औपचारिकता का प्रदर्शन कर रही है। डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि इस सरकार मे न केवल मजहबी उग्रवाद बढ़ा है बल्कि कानपुर में नयें अलगाववादी संगठन मीजान उल कुरान का उदय भी चिन्ता का कारण है। प्रदेश मे अपराधिक तत्वों के हौसले बुलन्द है। आज कानपुर मे फिर दिन दहाड़े तीन लाख की लूट प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था को एक अंक और प्रदान करती है। प्रदेश के हालात दिन व दिन बिगड़ते जा रहे है और सपा सरकार अभी तक जीत के मनमोदक का आनन्द ले रही है। प्रदेश प्रवक्ता ने मांग की कि सरकार अपनी खुमारी उतारकर प्रदेश की जनता को सुशासन मुहैया कराये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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