उत्तर प्रदेश सरकार बुनकरों के समग्र विकास हेतु शीघ्र नई योजना प्रारम्भ करेगी। हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए ऐसी नीतियों और कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जायेगा जिससे इस क्षेत्र में कार्यरत बुनकरों की आर्थिक स्थिति को और मजबूत किया जा सके।
यह जानकारी रेशम एवं वस्त्र उद्योग मंत्री श्री शिव कुमार बेरिया ने दी है। उन्होंने बताया कि हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग द्वारा बुनकरों के कल्याणार्थ एकीकृत हथकरघा योजना, स्वास्थ्य बीमा, राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना, पावर लूम क्षेत्र के विकास हेतु प्रोत्साहन, पावरलूम क्षेत्र का आधुनिकीकरण एवं समग्र विकास आदि योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बुनकरों के समग्र विकास हेतु भारत सरकार के सहयोग से एक महात्वाकांक्षी योजना शीघ्र प्रारम्भ की जायेगी। जिसके तहत हथकरघा क्षेत्र का पुनरूद्धार, सुधार एवं पुनर्गठन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।
श्री बेरिया ने बताया कि इस योजना के तहत बुनकरों की शीर्ष समितियों, प्राथमिक सहकारी समितियों एवं अन्य बुनकरों को, 31 मार्च 2012 से बकाया ऋण पर अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति बुनकर का कर्ज माफ किया जायेगा। उन्होंने बताया कि बुनकरों को क्रेडिट कार्ड जारी किया जायेगा जिस पर उन्हें 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जायेगा, जिसकी सीमा 2.00 लाख रुपये तक होगी। उन्होंने बताया कि बैंकों से प्राप्त होने वाले ऋण पर उन्हें अलग से कोई गांरटी नहीं देनी होगी। बुनकरों के उत्थान हेतु कच्चा धागा उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार द्वारा 10 प्रतिशत विशेष अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की एजेंसी द्वारा बुनकरों की पासबुकें तैयार की जा रही हैं जिससे उन्हें सस्ते दाम पर कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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