कहते हैं अपराधी अपनी छाया से भी डरता है। पूर्व मंत्री श्री अवधपाल सिंह को अपने कारनामों की चिन्ता सता रही है पर अपने गिरेबां में झांकने के बजाए वे दूसरों को आरोपित कर रहे है। अपने को पाक साफ और ईमानदार जताने में उन्होने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जबकि हकीकत यह है कि लोकायुक्त की जांच में उनके विरूद्ध कई आरोप दोषसिद्ध हो चुके हैं। खुद बसपा सरकार से उनकी छुटटी की गई थी क्योंकि उनके अपराधों का भार सरकार पर भारी पड़ रहा था।
श्री अवध पाल सिंह अपराधिक छवि के नेता हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पहले ही यह बात स्पष्ट कर दी थी कि किसी अपराधी को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। श्री अवधपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने की कोशिशें की थीं किन्तु उन्हें पार्टी में नहीं लिया गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव एवं राष्ट्रीय महासचिव श्री रामगोपाल यादव के बारे में कुछ कहने से पहले अवधपाल को अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भी विचार कर लेना चाहिए। वे उनपर झूठे इल्जाम लगाकर शायद अपनी हैसियत बढ़ाने की नाकाम कोशिश कर रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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