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विरोधियों के दबाव में आकर ”प्रमोशन में आरक्षण“ मसले को लटका दिया है

Posted on 23 August 2012 by admin

केन्द्र सरकार ने आरक्षण विरोधियों के दबाव में आकर ”प्रमोशन में आरक्षण“ मसले को लटका दिया है। सरकार को संसद में सीधे ”राष्ट्रीय आरक्षण कानून“ का विधेयक लाकर आरक्षण कानून बना देना चाहिए। केन्द्र सरकार को संसद के इसी सत्र में दलित कर्मचारियों का ”प्रमोशन में आरक्षण“ सहित उन सभी वर्गो का आरक्षण मिलना सुनिश्चित करने का प्राविधान करना चाहिए जो सामाजिक और शैक्षिक रूप से अति पिछड़े है। ये पिछड़े चाहे हिन्दू हो या अल्पसंख्यक। केन्द्र सरकार को आरक्षण विरोधियों के आगे झुकना नहीं चाहिए क्योंकि आरक्षण कोई भीख या दैवी आपदा का राहत देने का मामला नहीं है बल्कि आरक्षण उस समाज को भागीदारी देने का मामला है जिसे सदियों तक शिक्षा, सम्पदा और संसाधनों में भागीदार बनने से वंचित किया गया है। आरक्षण पर दिल्ली सर्वदलीय बैठक के नतीजे पर टिप्पणी करते हुए लखनऊ में आरक्षण पर आयोजित ‘जनसंसद’ में बोलते हुए बीएस-4 के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्वमंत्री श्री आर. के. चैधरी ने यह बातें कही। जन संसद के एक दिवसीय सत्र का आयोजन बीसेफ व बीएस-4 द्वारा आज विधान भवन के सामने धरना स्थल पर किया गया।
श्री चैधरी ने कहा कि आरक्षण के मसले पर केन्द्र सरकार की रवैया ढुलमुल है। इसी ढुलमुल रवैया के कारण ही आजादी के 65 सालों में दलितों और अति पिछड़ी जातियों को उनकी भागीदारी नहीं मिल सकी। हिन्दू और मुसलमानों की सैकड़ो ऐसी जातियाँ अति पिछड़ी है जिनके आरक्षण और भागीदारी का सिलसिला आज आजादी के 65 साल बाद भी नहीं शुरू हो सका। केन्द्र सरकार को ”अमेरिकी अश्वैत भागीदारी“ के ‘डायवर्सिटी फार्मूले’ से सबक लेना चाहिए जहाँ अश्वैतो को सरकारी गैर सरकारी सभी क्षेत्रों में भागीदार बनाकर अमेरिका को एक समृद्धशाली राष्ट्र बना लिया गया। आज लाखों अश्वैत अमेरिकी प्रशासन के प्रमुख अंग है। लाखों अश्वैत उद्यमी बनाकर अरबपति बना दिये गये। बराक ओबामा जैसे अश्वैत अमेरिकी राष्ट्रपति बन गये। परन्तु विडम्बना है कि भारत में दलितों और अति पिछड़ों की चंद नौकरी भी आरक्षण विरोधियों को बर्दाशत नहीं हो पा रही है। बीसेफ एवं बीएस-4 ने आरक्षण के जनक छत्रपति शाहू जी महाराज के जन्म दिवस 26 जुलाई 2012 से आरक्षण के समर्थन में आर-पार की लड़ाई शुरू की है। केन्द्र सरकार ने यदि संसद के इसी सत्र में ‘प्रमोशन में आरक्षण’ का विधेयक पास न कराया और दलितों, अति पिछड़ों के आरक्षण के सभी पहलुओं पर विचार करके एक माह के अन्दर ‘राष्ट्रीय आरक्षण कानून’ बनाने का फैसला न किया तो ”पूना पैक्ट“ दिवस 24 सितम्बर 2012 से आरक्षण के समर्थन में देश व्यापी आन्दोलन होगा। इस आन्दोलन की शुरूआत 24 सितम्बर 2012 को रायबरेली से की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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