पर्यावरणीय शिक्षा प्रशिक्षण व जन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यावरणीय चेतना जागृत करने हेतु जन सामान्य को उसकी सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूक किये जाने का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस हेतु चालू वर्ष में रू0 1000 हजार के बजट की व्यवस्था की गयी है।
प्रदेश के अनेक भागों में विविध बहुआयामी व दूरगामी प्रभाव वाली पर्यावरणीय समस्यायें जैसे वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, भूस्खलन, नदियों और झीलों में जल की कमी भू-गर्भ जल भण्डारों का अति दोहन और वनस्पतिक आवरण में कमी इत्यादि विद्यमान है जो जन स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रही है। जन सामान्य को इसकी सही जानकारी कराकर ही इसके कुप्रभाव से बचाया जा सकता है, जिसके लिये विभिन्न दिवसों जैसे अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (22 मई) विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) एवं अन्तर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस (16 सितम्बर) के अवसरों पर मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
विभिन्न लक्षित समूहों जैसे उद्यमियों, उद्योग संघों, स्वयंसेवी संस्थाओं, विकास विभाग, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं हेतु पर्यावरण बहुविषयक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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