उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने दुग्ध विकास विभाग को निर्देश दिया है कि लखनऊ में स्थापित होने वाली 05 लाख लीटर क्षमता की राज्य की पहली डेयरी के स्वरूप को इस तरह विकसित किया जाय की लखनऊ जनपद के अतिरिक्त समीपवर्ती क्षेत्रों के किसानो की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होने कहा कि किसानो को बड़ी संख्या में डेयरी से जोड़ने पर दूध की आपूर्ति सुलभ बनी रहने के अतिरिक्त प्रजाति उन्नयन एवं चारा उपलब्धता को उच्च स्तर पर बनाये रखने की सरकार की योजना को लोकप्रियता मिलेगी।
श्री आलोक रंजन आज यहां अपने कार्यालय में लखनऊ में 05 लाख लीटर क्षमता की राज्य की पहली डेयरी की मुख्यमंत्री की घोषणा को अमली जामा पहनाने के सम्बन्ध में दुग्ध विकास विभाग की बैठक कर रहे थे। इस बैठक में राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड (एनीमल वेलफेयर बोर्ड) के को-आप्टेड सदस्य प्रो0 पी0के0 उप्पल, दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री बी0पी0 नीलरत्न, विशेष सचिव श्री रामबहादुर, महाप्रबन्धक पी0सी0डी0एफ0, निदेशक, पशुधन एवं कृषि, पशुधन, दुग्ध विकास विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि डेयरी की स्थापना के सम्बन्ध में सम्पूर्ण प्रक्रियाएं शीघ्र पूरी की जायें। उन्होने कहा कि इस डेयरी को एक माडल डेयरी के रूप में स्थापित किया जायेगा, जिसमें उन्नत प्रजाति के पशुओं की उपलब्धता डेयरी के अन्दर सुनिश्चित करने के साथ समीपवर्ती क्षेत्र के किसानो को भी उन्नत प्रजाति के पशु सुलभ कराये जायेंगे और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कृत्रिम गर्भाधान के लिए उपलब्ध बीज किसी भी तरह के जेनेटिक असन्तुलनों एवं संक्रमणों से मुक्त हों। उन्होने कहा कि इसके लिए डेयरी को रिसर्च एवं डेवलेपमेण्ट केन्द्र के रूप में भी विकसित किये जाने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाय।
श्री आलोक रंजन ने दुग्ध विकास के क्षेत्र में गतिशीलता लाने के लिए एक यूनीफाइड कमाण्ड तैयार करने के निर्देश पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग को दिए और कहा कि डेयरी स्थापना के लिए एक स्पेशल परपज व्हीकल (एस0पी0वी0) गठित की जाय ताकि इस महत्वपूर्ण कार्य के शीघ्र सम्पादन में विभागीय सोच और प्रक्रिया में एकरूपता लायी जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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